हार्ट बचाना है तो जी भर कर टमाटर
कोलकाता टाइम्स :
वैसे तो लाल रंग खतरे का प्रतीक होता है लेकिन अगर लाल टमाटर की बात करें तो वह हम सब को भाता है। इस खट्टे-मीठे स्वाद वाले टमाटर को लेकर विवाद है कि यह फल है या सब्जी? मगर जो भी हो हम सब इसके दिवाने है। और दीवाने क्यों न हों? इसके रूप और रंग दोनों मनमोहक हैं और खाने में लजीज है। अब हम इसको खाकर हार्ट अटैक का खतरा भी भगा सकते है।
यूरोप में 1,379 व्यक्तियों पर किए गए अध्ययन से मालूम हुआ है कि जो लोग भोजन में अधिक लाइकोपीन (जो टमाटर में पाया जाता है) लेते हैं। उनमें हार्ट अटैक का खतरे कम होता हैं। अध्ययन में शामिल अधिकत्तर लोग वृद्व थे। और वे सभी दिल के मरीज थे जिनको दिल का दौरा पड़ चुका था।
उनके शरीर में लाइकोपीन की उपस्थिति की मात्रा का आकलन किया गया था। बीटा केरोटीन की तरह लाइकोपीन भी वसा में घुलने वाला पदार्थ है जो आँतों में सोखा जाता है। लाइकोपीन की सुरक्षा का काम इसके प्रभावशाली ऑक्सीकरण रोधक के रूप में है। जिससे फ्री रेडिकलों के द्वारा कोशिकाओं, अणुओं और जीन्स के नुकसान को रोकती है।
फ्री रेडिकल्स अत्यधिक प्रतिक्रियात्मक अणु हैं, जो रक्त प्रवाह में अन्य पदार्थों से मिलकर हानि पहुँचाते हैं। उदाहरण के लिए इनमें कोलेस्टरोलिमोआ धमनियों में जम कर आघात का कारण बन सकता है। यह जेनेटिक परिवर्तन करके कैंसर उत्पन्न कर सकता है। फ्री रेडिकल क्षति से सूर्य प्रकाश के कारण होने वाला कैंसर अथवा ओजोन जैसे प्रदूषण में साँस लेने से फेफड़ों की बीमारियाँ हो सकती हैं।