1 जनवरी नहीं 25 दिसंबर था New Year, चौंका देगा बदलने का कारण
कोलकाता टाइम्स :
नए साल में लोग अपनी पुरानी और बुरी यादों को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत करते हैं. क्या आप जानते हैं कि पहले नया साल 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता था. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि पहले नया साल कभी 25 मार्च को तो कभी 25 दिसंबर को मनाया जाता था. सबसे पहले नया साल के तौर पर 1 जनवरी को मान्यता 15 अक्तूबर 1582 को मिली थी.
बता दें कि मार्स (mars) यानि मंगल ग्रह पर मार्च का नाम रखा गया है. रोम में मंगल ग्रह को युद्ध का देवता माना जाता है. जो कैलेंडर सबसे पहला बनाया गया था उसमें मात्र 10 महीने होते थे. तब एक साल में 310 दिन होता था तथा 8 दिन का एक सप्ताह होता था. रोम के राजा नूमा पोंपिलस ने रोमन कैलेंडर में सबसे पहले बदलाव किया था. इसके बाद रोमन कैलेंडर में साल का पहला महीना जनवरी को माना गया. जबकि पहले मार्च को साल का पहला महीना माना जाता था.
इसके बाद रोम में एक शासक आए जूलियस सीजर. उन्होंने रोमन कैलेंडर में फिर बदलाव करवाया. उन्होंने एक साल में 12 महीने कर दिए. सीजर ने खगोलविदों से मुलाकात के बाद कैलेंडर बनवाया था. इस मुलाकात में उन्हें पता चला था कि पृथ्वी 365 दिन और छह घंटे में सूर्य का एक चक्कर लगाती है. इसकी वजह से उन्होंने एक कैलेंडर में 365 दिन का साल करवाया.