कोरोना का जानी दुश्मन निकला ओमिक्रॉन, महामारी के खात्मे की बजायी घंटी
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कोलकाता टाइम्स :
कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर सारी दुनिया परेशान है. लेकिन दुनिया भर में ओमिक्रॉन को लेकर जो स्टडी हुई हैं, उनके मुताबिक ओमिक्रॉन कोरोना को खत्म करने की सीढ़ी बनने वाला है.
दुनिया भर के विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट भले ही संक्रामक ज्यादा हो लेकिन इससे नुकसान काफी कम होता है. वहीं ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने पर एंटीबॉडी भी कई गुना ज्यादा बन रही हैं. ऐसे में जिस तरह दुनिया में स्पेनिश फ्लू जैसी महामारी अब साधारण बीमारी बन गई है. आने वाले वक्त में कोरोना भी ऐसे ही कमज़ोर हो जाएगा.
मौसम बदलता है तो आम तौर पर आपके पास लोग खांसते और छींकते जरूर नजर आते होंगे. ये बात आपको भी मालूम है कि हर बार खांसना या छींकना कोरोना नहीं होता. हर बार गले में खराश में जानलेवा नहीं मामूली परेशानी भी हो सकती है. दुनिया में तेजी के साथ फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट की बातें आजकल हर जगह हो रही हैं. कहा जा रहा है कि जिस तरह सर्दी और खांसी आपको नहीं डराती, उसी तरह ओमिक्रॉन वेरिएंट से भी डरने की जरूरत नहीं है.
दुनिया भर में हो रही स्टडी के मुताबिक ओमिक्रॉन वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि ये डेल्टा वेरिएंट जैसा जानलेवा नहीं है. असल में ओमिक्रॉन को दुनिया भर के कई वैज्ञानिक महामारी के अंत की शुरूआत का पहला चरण मान रहे हैं. इसके पीछे कुछ ठोस वैज्ञानिक कारण भी हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब किसी देश मे 60 से 70% लोगों में इन्फेक्शन या टीके से एंटीबाडीज आ जाती है तो नया mutated वायरस अपने आप को कमजोर और शरीर के लिए कम घातक बनाने लगता है. हालांकि यह फैलता तेजी से है ताकि वो ज्यादा से ज्यादा इंसानों के शरीर मे अपना घर बना ले.