उसे टूटकर चाहा फिरभी कटी पतंग सी रही आशा पारेख की ज़िंदगी
आशा पारेख की अदाकारी देखकर ना जाने कितने धड़कते दिलों ने उन्हें चाहत के सलाम भेजे होंगे, मगर ख़ुद आशा जीवन भर प्यार के लिए तरसती रहीं। जिस शख़्स को टूटकर चाहा, वो शादीशुदा था। उसका घर ना टूटे, इसलिए आशा ने अपना दिल तोड़ दिया। हमेशा मुस्कुराने वाली आशा की कुछ ऐसी है प्रेम कहानी।
अपने दौर के जाने-माने फ़िल्ममेकर नासिर हुसैन वो ख़ुशनसीब इंसान थे, जिनके अलावा आशा ने कभी किसी को नहीं चाहा। फ़िल्म बिजनेस से जुड़े लोगों को आशा और नासिर की प्रेम कहानी नई नहीं हैं, मगर अब ये इसलिए चर्चा में आई है क्योंकि हाल ही में आशा की बायोग्राफी द हिट गर्ल रिलीज़ हुई है। अपनी बायोग्राफी में आशा ने अपनी ज़िंदगी के इस पहलू को छिपाने की कोशिश नहीं की है, बल्कि इस पर पूरी रौशनी डाली है। आशा कहती हैं- ”जी हां, नासिर साब ही वो शख़्स थे, जिसे मैंने प्यार किया। ऐसी बायोग्राफी लिखने का क्या फायदा, जिसमें मेरी ज़िंदगी में आए सबसे ख़ास लोगों का ही ज़िक्र ना हो। आशा इस संवेदनशील चैप्टर को लिखने का क्रेडिट अपने सह-लेखक खालिद मोहम्मद को देती हैं, जिन्होंने इसे ख़ूबसूरती के साथ पेश किया है।”
आशा ने अपने आजीवान कुंवारेपन की वजह का खुलासा भी किया है। वो कहती हैं- ”मैं कभी घर तोड़ने वाली नहीं थी। नासिर साहब की फ़ैमिली और मेरे बीच कभी ख़राब संबंध नहीं थे। मैं नुसरत और इमरान ख़ान को बुक लांच में देखकर बहुत ख़ुश हुई। मुझे लगता है कि मैंने अपनी ज़िंदगी अच्छे से जी है बिना किसी को चोट पहुंचाते हुए।”
नासिर हुसैन ने आशा को 1959 में अपनी फ़िल्म दिल देके देखो से बतौर लीड एक्ट्रेस इंट्रोड्यूस किया था। दोनों ने साथ में सात फ़िल्में कीं, जिनमें तीसरी मंज़िल और कारवां जैसी सुपरहिट फ़िल्में शामिल हैं।