ट्रैफिक से कैसा डर जब खुद चलेगी कार
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कोलकाता सुनने में यह जेम्स बांड की फिल्म की तरह लग सकता है पर इंजीनियरों ने एक ऐसी कार ईजाद करने का दावा किया है, जो बटन दबाते ही खुद ब खुद चलने लगेगी। निर्माताओं का दावा है कि यह नई तकनीक यातायात में फंसे वाहन चालक को आराम देगी। जाम खत्म होने और कार की गति 30 किमी प्रति घंटा होने पर कार का नियंत्रण फिर से चालक के हाथ में आ जाएगा। यह क्रांतिकारी तकनीकी अमेरिका की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड द्वारा विकसित की गई है। पांच साल के भीतर यह कार के विभिन्न मॉडलों में उपलब्ध होगी।
सूत्रों के मुताबिक इस तकनीकी का जर्मनी और अमेरिका में फोर्ड के रिसर्च सेंटर में परीक्षण किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस विशेष तकनीकी से यात्रा के समय में 20 प्रतिशत की कमी आएगी। यह तकनीकी कार में लगे कैमरे और पीछे लगे रडार के सहारे काम करती है। एक बार जाम की पहचान हो जाने पर कार वॉयस कमांड का इस्तेमाल करती हैं। यानी वह चालक से पूछती है कि क्या वह चाहता है कि जाम में गाड़ी की कमान उसके हाथ में हो। यदि जवाब हां में आता है तो नई तकनीक काम शुरू कर देती है। इसके तहत कार समझती है कि उसे दूसरी गाड़ी से टकराने से बचना है। साथ ही गति को धीमा करना है और यातायात में फंसी अन्य गाडि़यों के मुताबिक आगे बढ़ना है। अगर बीच में कोई कार उससे आगे निकलना चाहती है तो उसकी पहचान भी यह नई तकनीक कर लेगी। फोर्ड के इंजीनियर जोसेफ ने कहा कि स्वचालित अवस्था में होने पर भी चालक को अपना ध्यान बनाए रखना होगा।