देश की पहली महिला सीएम की ऐसी थी हालत कि हमेशा संग रखती थी यह जानलेवा जहर
कोलकाता टाइम्स :
देश में पहली बार कोई महिला मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उत्तर प्रदेश में ही बैठी थी. दिल्ली से पढ़ीं और बीएचयू में प्रोफेसर रहीं सुचेता कृपलानी ने जब सोशलिस्ट लीडर जे बी कृपलानी से शादी की तो राजनीति में आ गईं. शुरुआत उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन से की थी. हालांकि राजनीति में उनकी राह आसान नहीं रही लेकिन सीएम की कुर्सी पर बैठने में एक खास वजह उनके लिए फायदेमंद साबित हुई.
दरअसल, कांग्रेस अपने कुछ नेताओं के बढ़ते कद से परेशान थे. यूपी में कई बार मुख्यमंत्री रहे चंद्रभानु गुप्ता का कद इतना बढ़ गया था कि कुछ नेता तो उन्हें नेहरू से ऊपर समझने लगे थे. ऐसे में योजना बनाई गई कि पुराने लोगों को अपने पद छोड़ने होंगे ताकि देश के हर राज्य में पार्टी को मजबूत किया जा सके. इससे चंद्रभानु गुप्ता और उनका पूरा गुट नाराज हो गया. तब चौधरी चरण सिंह, कमलापति त्रिपाठी आदि को पीछे छोड़ने के लिए उन्होंने सुचेता कृपलानी का नाम आगे बढ़ा दिया.
सुचेता हरियाणा के अंबाला में जन्मी थीं और उच्च शिक्षित थीं. आजादी के समय नोआखाली में हुए दंगों के समय भी सुचेता भी वहां गईं थीं. नोआखाली में खुद को इतना असुरक्षित महसूस करती थीं, कि साथ में सायनाइड लेकर चलती थीं. उन पर लिखी गई किताब ‘ग्रेट वुमन ऑफ मॉडर्न इंडिया’ में लिखा गया है कि उस समय नोआखाली में औरतें सुरक्षित नहीं थी, लिहाजा सुचेता कृपलानी भी वहां अपने साथ किसी अनहोनी के डर से सायनाइड लेकर चलती थीं.