July 1, 2024     Select Language
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कौन सा गाँव क्या जात है?

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ये हमारी-तुम्हारी नहीं तमाम नस्ल की बात है
जिसे तुम दिन कह रहे हो,अँधेरी स्याह रात है

सब कुछ पढ़ लिया,पर उसका हासिल क्या है
ये समाज मुर्दा सोच और समझ  की जमात है

काम करने की तिशनगी क्यों कर होने लगेगी
हर कोई पूछता है , कौन सा गाँव क्या जात है

तन्त्र  सुबह बदलकर शाम में वही हो जाता है
यह सिर्फ जिस्म से शहरी ; आत्मा से देहात है

हम  इस्तेमाल होते रहते  हैं सामानों की तरह
ग़ैर के शतरंज पर किसी  और  की बिसात हैं

हम कोई  साज  नहीं , हम कोई आवाज़ नहीं
हम गरीब इस मुल्क के चेहरे पर सवालात हैं

सलिल सरोज

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