शाकाहारियों की सिर्फ उम्र ही अधिक बही होती, हार्ट-अटैक का खतरा भी ना के बराबर
कोलकाता टाइम्स :
शाकाहारी भोजन अपनाने वालों में पाचन सम्बंधी गड़बड़ियां कम होती हैं और इसके साथ ही दिल की बीमारियों, मधुमेह और आघात का खतरा भी कम हो जाता है। दरअसल पाचन के ठीक न होने पर इन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मांसाहार अपनाने वाले लोगों के शरीर में कमर के आसपास बहुत सा वसा जमा हो जाता है और इंसुलिन (हार्मोन) के प्रति प्रतिरोधकता पैदा हो जाती है। शरीर में शर्करा की मात्रा नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन हार्मोन की आवश्यकता होती है।
लोमा लिंडा विश्वविद्यालय में हुए अध्ययन के मुताबिक 25 प्रतिशत शाकाहारियों में पाचन सम्बंधी गड़बड़ियां पाई जाती हैं जबकि 37 प्रतिशत अर्ध-शाकाहारियों को इस तरह की शिकायत होती है। दूसरी ओर मांसाहार अपनाने वाले 39 प्रतिशत लोगों में पाचन सम्बंधी गड़बड़ियों की शिकायत होती है। मुख्य शोधकर्ता निको एस. रिज्जो का कहना है, “इस अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि उपापचय या पाचन सम्बंधी बीमारियों की रोकथाम में जीवनशैली के खान-पान सम्बंधी कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”
लोमा लिंडा विश्वविद्यालय के ‘एडवेंटिस्ट स्वास्थ्य अध्ययन 2’ में शामिल 700 वयस्कों पर यह अध्ययन किया गया था।अध्ययन में शामिल 35 प्रतिशत वयस्क शाकाहारी थे। औसत के आधार पर शाकाहारी और अर्ध-शाकाहारी लोगों की उम्र मांसाहारी लोगों की तुलना में तीन साल ज्यादा थी। शाकाहारियों की उम्र अधिक होने के बावजूद उनमें ट्राईग्लिसराइड्स, ग्लूकोज का स्तर, रक्तचाप, कमर के आसपास वसा का जमाव अधिक था। इन लोगों में उनकी लम्बाई की तुलना में वजन अधिक था।