भोलेनाथ को दूध चढ़ाने के पीछे छिपा है यह गूढ़ रहस्य
हिंदू धर्म के लोग अक्सर शिवलिंग को दूध से नहलाते हैं तो मुरली मनोहर को मक्खन का भोग लगाते हैं लेकिन क्या कभी आपने इस बात का कारण जानने की कोशिश की, अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको इस बात का गूढ़ रहस्य बताते हैं।
दरअसल कच्चा दूध सबसे ज्यादा निर्मल होता है, ठीक उस नवजात की तरह जो कि तुरंत दुनिया में आया है। कच्चा दूध गाय माता के थन से निकलता है तो पूरी तरह से शुद्द होता है ठीक उसी तरह से बच्चा भी वाह्य आंडबरों, छल-कपट और मोह-माया से दूर होता है, उसमें कोई मिलावट नहीं होती और इसी कारण वो भगवान शंकर के सबसे करीब होता है।
भोलेनाथ को स्वच्छ, निर्मल और शांत भक्त पसंद भोलेनाथ को स्वच्छ, निर्मल और शांत भक्त पसंद होते हैं इसी कारण भगवान को दूध अर्पण किया जाता है ताकी इंसान उनके दिल तक पहुंच सके।
तो वहीं मुरलीवाले को मक्खन का भोग लगाते हैं, मक्खन दूध की अंतिम अवस्था होती है जो कि बहुत सारे प्रक्रिया के बाद तैयार होता है, इसका आशय उस व्यक्ति से होता है जो दुनिया के सारे कर्मों को भोगकर उस पर विजय पाकर ही भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आता है। मक्खन का आशय जीवन से होता है वो भले ही सांसरिक व्यक्ति होता है लेकिन उसे जीवन का मतलब पता होता है और मक्खन की तरह कोमल और मुलायम होता है जिसे की वाह्य चीजें दूषित नहीं करती हैं।
कान्हा का जन्म न्याय दिलाने के लिए हुआ था उन्होंने लोगों को गीता का पाठ पढ़ाया है जिसमें कर्म तो प्रधान होता है लेकिन वो धर्म को नहीं छोड़ता है इसी कारण कृष्ण को मक्खन का भोग लगाया जाता है।