बच्चे को जिंक खिलाएं वरना उन्हें यह भयंकर बीमारी हो सकता है
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कोलकाता टाइम्स :
अगर आप अपने बच्चे को मीट, ब्रेड और दुग्ध उत्पादों का सेवन नहीं कराते हैं तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। क्योंकि एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जिन बच्चों में खनिज, जस्ते का स्तर कम होता है उनमें ऑटिज्म होने का खतरा ज्यादा होता है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययनकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि जो बच्चे ऑटिज्म और इससे संबंधित परिस्थितियों से ग्रसित थे उनमें जस्ते का स्तर कम था।
तोक्यो के इन अध्ययनकर्ताओं का यह भी कहना है कि उनके इस अध्ययन से ऑटिज्म का इलाज करने और उसे रोकने में सहायता मिलेगी। अपने इस अध्ययन में अध्ययनकर्ताओं ने ऑटिज्म या इससे संबंधित परिस्थितियों से ग्रसित तकरीबन दो हजार बच्चों के बालों में जस्ते का स्तर नापा। इससे कम उम्र के बच्चों में जस्ते का स्तर कम होने के संकेत मिले। कुल मिलाकर, तकरीबन एक-तिहाई बच्चों में जस्ते का स्तर कम पाया गया। तीन साल तक की उम्र के 50 प्रतिशत लड़कों और 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों में यह कमी पाई गई।
अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वृद्धि और विकास के लिए कम उम्र के बच्चों को ज्यादा उम्र के बच्चों के मुकाबले ज्यादा जस्ते की जरूरत होती है। इसके अलावा शुरआती साल में जस्ते की कमी के कारण ऑटिज्म का प्रभाव पड़ सकता है।