इस ‘विलेन’ जिंदगी ‘ब्यूटी एंड द बीस्ट’ कम नहीं
परेश रावल को फ़िल्मों में खलनायकी से पहचान मिली थी। बाद में उन्होंने कॉमेडी से सबके दिलों में राह बनायीं और उसके बाद पॉलिटिक्स में हाथ आजमाने के लिए कूद पड़े। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि परेश रावल एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और इनके व्यक्तित्व के कई रंग हैं और परेश रावल हर रंग में फिट बैठते हैं!
परेश रावल ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरूआत साल 1984 में फ़िल्म ‘होली’ से की थी। यह आमिर ख़ान की भी डेब्यू फ़िल्म है। बहरहाल, परेश को पहचान मिली 1986 में आयी फ़िल्म ‘नाम’ से। इसके बाद वह 1980 से 1990 के बीच 100 से भी अधिक फ़िल्मों में विलेन की भूमिका में नजर आए। जिनमें कब्जा, किंग अंकल, राम लखन, दौड़, बाज़ी से लेकर दिलवाले तक एक से बढ़कर एक फ़िल्में शामिल हैं।
1994 में आई केतन मेहता की फ़िल्म ‘सरदार’ में वल्लभ भाई पटेल की एक यादगार भूमिका में नज़र आये। इस फ़िल्म के लिए उन्हें देश ही नहीं विदेशों में भी काफी ख्याति मिली! उसके बाद 1997 में आयी ‘तमन्ना’ में उन्होंने एक किन्नर की भूमिका निभाई जिसमें उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों का भी दिल भी जीत लिया। यहां से एक अभिनेता के रूप में उनका क़द काफी बढ़ गया। साल 2000 के आते-आते ‘अंदाज़ अपना अपना’ और ‘हेरा फेरी’ जैसी फ़िल्मों से एक नए परेश का अवतार हुआ। उसके बाद उन्होंने ‘फिर हेरा फेरी’, ‘अतिथि तुम कब जाओगे’ जैसी कुछ ज़बरदस्त और कामयाब कॉमेडी फ़िल्में दीं। अनिल कपूर की फ़िल्म ‘नायक’ में भी परेश ने अपने अभिनय की ज़बरदस्त छाप छोड़ी है।
क्या आप जानते हैं परेश रावल ने एक ब्यूटी क्वीन से शादी की है। उनकी पत्नी का नाम है- स्वरुप संपत। स्वरूप साल 1979 में फेमिना मिस इंडिया रह चुकी हैं। जिनसे उन्हें दो बच्चे हैं- आदित्य और अनिरूद्ध।
‘वो छोकरी’ और ‘सर’ इन दोनों ही फ़िल्मों के लिए 1994 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नेशनल फ़िल्म अवार्ड से सम्मानित परेश रावल को साल 2014 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि ‘हेरा फेरी’ के लिए परेश फिल्मफेयर पुरस्कार (बेस्ट कॉमेडियन) भी जीत चुके हैं।
बहरहाल, परेश रावल अहमदाबाद पूर्व, गुजरात से वर्तमान में सांसद हैं और कई मसलों पर बेबाकी से अपनी बात रखते नज़र आते हैं। पॉलिटिक्स से इतर परेश एक कमाल के अभिनेता हैं।