यह खतरनाक शौक बता रहा वापस जंगल लौट इंसान
कोलकाता टाइम्स :
वह वक्त आने वाला है जब लोग वापस जंगलों में रहना पसंद करने करने लगेंगे। हम वापस मृग के छाल पहनने लगेंगे। खूबसूरत सड़क और साफ-सुथरी गलियों वाले शहरों में बड़े-बड़े आलीशान महलों में रहने की बजाय लोग जंगलों में कुटिया बनाकर रहने लगेंगे। जंगली जानवरों, सांप-बिच्छुओं के साथ रहना लोग ज्यादा पसंद करेंगे। आप कहेंगे ऐसा कैसे हो सकता है लेकिन हमने जो सुना उसे सुनकर बस इतना ही कह सके – इनकी हिम्मत को सलाम!
जकार्ता में आजकल लोग सांपों की संगत शायद बहुत पसंद कर रहे हैं। चौंकिए नहीं, अगर सच्चाई जाननी हो तो यहां के बाली रिफ्लेक्सोलॉजी एंड स्पा में जा सकते हैं। इस स्पा में लोग सांपों के साथ वक्त बिताने के लिए जाते हैं। स्पा के अंदर का दृश्य कुछ यूं होगा कि लोग सांपों के साथ आपको लेटे नजर आएंगे। पर सांपों के साथ? वह भी स्पा में? पैसे देकर?
जी हां, इस स्पा में लोग पैसे खर्च कर सांपों के साथ वक्त बिताने जाते हैं। दरअसल इस स्पा में आजकल एक नई तकनीक का मसाज प्रयोग हो रहा है जिसमें कुछ समय के लिए सांपों को खुले शरीर पर छोड़ दिया जाता है। इसे नाम दिया गया है पाइथन मसाज। इसके पीछे आधार यह बताया जाता है कि सांपों को अपने शरीर पर चलते हुए महसूस कर मन जो भय पैदा होता है वह थकान भगाने में अचूक दवा का काम करता है। लेकिन इसके लिए हिम्मत होनी चाहिए।
कम ही लोग इसके लिए हिम्मत जुटा पाते हैं लेकिन जो भी हैं वे इसे पसंद कर रहे हैं। स्त्री-पुरुष दोनों के लिए समान रूप से यह सेवा देने वाला स्पा एक बार के इस पाइथन मसाज के लिए 30 डॉलर (लगभग 1900 रु.) लेता है। अगर आप सोच रहे हैं कि सांप उन्हें नहीं काटते ऐसी कोई व्यवस्था होगी वहां तो आप गलत हैं। सांपों को शरीर पर चलने के लिए पूरी तरह खुला छोड़ दिया जाता है और वे काटते भी हैं पर इससे मसाज लेने वाले को कोई नुकसान नहीं होता। पर कैसे?
इसमें कोई चमत्कार नहीं होता। जकार्ता समेत इंडोनेशिया आदि कई जगहों पर यह मसाज आजकल स्पा में दिए जा रहे हैं। दरअसल रिफ्लेक्सोलॉजी एंड स्पा में जितने भी सांप मसाज के लिए प्रयोग किए जाते हैं वे विषरहित होते हैं। क्योंकि सांपों को शरीर पर चलाने का एकमात्र मकसद होता है उनके चलने से भयभीत होना जो इस स्पा के अनुसार थकान दूर करने में सहायक होता है। इसलिए मसाज में प्रयोग किए जाने वाले सांपों का जहर पहले ही निकाल दिया जाता है ताकि वे मसाज लेने वालों या मसाज करने वालों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकें। यह भी खूब है। पता चला कल लोग जंगलों में जाकर रहने लगेंगे कि उन्हें अपना डर दूर करना है। खैर हमारा काम है खबर देना, वो हमने दे दी।