पाकिस्तान में खास वजह से इस ‘हिंदू’ परिवार की रक्षा अपनी जान देकर भी करते है मुस्लिम
बता दें कि उमरकोट का पहले नाम अमरकोट था. यह रियासत पाकिस्तान के सिंध प्रांत में है. अमरकोट को मुगल सम्राट अकबर की जन्मभूमि भी माना जाती है. अमरकोट पहले सिंध की राजधानी थी. मध्यकाल से लेकर 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे तक उमरकोट प्रांत पर हिंदू सोढा राजपूतों का शासन था.
मुगल साम्राज्य और ब्रिटिश राज के दौरान इस शहर को काफी प्रमुखता मिली. माना जाता है कि जब अकबर के पिता हुमायूं शेरशाह सूरी के हाथों हार गए थे, तब उमरकोट के राजपूत शासक राणा राव सिंह ने उन्हें शरण दी थी. बंटवारे के समय हिंदू बहुसंख्यक उमरकोट एकमात्र रियासत थी, जो पाकिस्तान में चली गई थी.
करणी सिंह के दादा राणा चंद्र सिंह पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के संस्थापकों में से एक थे. वह पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के करीबी मित्रों में थे. उन्होंने बेनजीर भुट्टो की सरकार में भी कई अहम मंत्रिपद संभाले. वह उमरकोट से 7 बार पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे. पीपीपी से अलग होने के बाद राणा चंद्र सिंह ने पाकिस्तान हिंदू पार्टी (PHP) का गठन किया था.
वहीं, करणी सिंह की बात करें, वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वह पाकिस्तान के राजनीतिक कार्यक्रमों में अधिकतर दिख जाते हैं. उनकी शादी 20 फरवरी 2015 को राजस्थान के शाही परिवार की बेटी पद्मिनी से हुई थी.