राम के भक्त अब पड़े हनुमान के पीछे, मामला बजरंगबली की जन्मस्थली का
कोलकाता टाइम्स :
भगवान राम की जन्मस्थली को लेकर विवाद खत्म हो गया है लेकिन अब भगवान राम के भक्त हनुमान की जन्मस्थली को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इस प्रकार विवाद दो धर्मों के बीच नहीं बल्कि दो राज्यों की धार्मिक संस्थाओं के बीच है. दरअसल आंध्र प्रदेश और कर्नाटक ने अलग-अलग जगहों पर हनुमानजी के जन्म का दावा किया है.
आंध्र प्रदेश स्थित तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बुधवार को अंजनाद्री मंदिर में एक समारोह आयोजित करने जा रहा है. जहां पिछले साल अप्रैल में रामनवमी के दिन हनुमान जी का हनुमान जन्मस्थान के रूप में औपचारिक रूप से अभिषेक किया गया था. लेकिन कर्नाटक के श्रीहनुमान जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र इससे सहमत नहीं हैं. ट्रस्ट का दावा है कि वाल्मीकि रामायण में विशेष रूप से उल्लेख है कि हनुमानजी का जन्म अंजनाहल्ली, किष्किंदा में हुआ था. कहा जाता है कि यह स्थान हम्पी के पास तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित है.
जबकि दूसरी ओर तिरुमाला तिरुपति देवस्थान समिति का कहना है कि पुराणों और शिलालेखों जैसे प्राचीन ग्रंथों में स्पष्ट रूप से हनुमान की जन्मभूमि के रूप में अजनाद्री का उल्लेख है. जिसे अब तिरुमाला कहा जाता है. अप्रैल में, टीटीडी ने अंजनाद्री के दावे को रेखांकित करते हुए एक पैम्फलेट भी प्रकाशित किया. जो 8 सदस्यीय पैनल द्वारा दिसंबर 2020 में प्रस्तुत एक रिपोर्ट पर आधारित थी. लेकिन कर्नाटक स्थित तीर्थस्थल ने छह पन्नों के पत्र में टीटीडी के दावे का विरोध किया.