July 1, 2024     Select Language
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जरूर जाने जीवन में कब सामना करना पड़ता है बुरे वक्त का 

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कोलकाता टाइम्स :

जिंदगी में सुख दुख तो लगे रहते हैं। पर कुछ दुख मिलने के कुछ ऐसे कारण भी होते हैं जिसके लिए हमारे ग्रह जिम्मेदार होते हैं। कलंक या बदनामी किसी भी इंसान के लिए सबसे बुरा वक्त कहा जा सकता है। कई बार जीवन में आप कुछ भी गलत नहीं कर रहे होते हैं किंतु जब कालचक्र की गति विपरीत होती है, आप उसके निशाने पर आ ही जाते हैं। सामान्य वक्त में कुछ जातक जरूर कुछ आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होते हैं हालांकि तब उन पर कोई भी दाग प्रत्यक्षतः नहीं लगता और वे साफ-साफ बच निकलते हैं किंतु बुरा वक्त उन्हें भी नहीं छोड़ता और ऐसे में उनका छोटा अपराध भी जग जाहिर हो जाता है। एक और सिचुएशन तब आती है जबकि आप तो किसी के बारे में अच्छा सोचते हों और अच्छा करते भी हों किंतु वही इंसान आपके बारे में गलत धारणा बैठा लेता ।

भयावह है ऐसी स्थिति क्योंकि इससे पीछा छुड़ाना मुश्किल साबित होता है। ऐसे में हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि आखिर कौन से ग्रहीय कारण हैं, जिनकी वजह से ऐसे हालातों का सामना करना पड़ता है? आइए आज हम उन्हीं प्लैनेटरी वजहों की चर्चा करते हैं।

सर्वप्रथम शनि की साढ़ेसाती और ढैया की स्थितियां इस प्रतिकूल घटना के लिए उत्तरदायी हैं। यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली के अनुसार वह साढ़ेसाती अथवा ढैया की चपेट में हो तो ऐसे में उसे कलंक, बेवजह बदनामी का सामना करना ही पड़ता है। यदि इस दरमियान किसे जातक का आचरण सही नहीं है तो उसे इसका दण्ड जरूर मिलता है।

दूसरी स्थिति राहु अथवा केतु की बुरी दशाओं में आती है जबकि व्यक्ति मतिभ्रम का शिकार बनता है, अपने को श्रेष्ठ समझने लगता है और परिणामस्वरूप उसके द्वारा अक्सर गलतियां ही होती हैं। राहु और केतु जब किसी क्रूर या पापी ग्रह के साथ होते हैं तो ऐसे में उनका बुरा प्रभाव अधिक भयावह रूप से सामने आता है।

ऐसे में समय समय पर इसका निराकरण करते रहना चाहिए जिससे हम इन तकलीफों से बच सकें।

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