इस जगह का नाम भी पहुंचा देता है मौत के द्वार
अक्सर हम भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं के बारे में सुनते हैं। कई लोगों के अंदर भूत-प्रेत की बातें जहां रोमांच पैदा कर देती हैं वहीं बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो भूत का नाम सुनते ही कांपने लग जाते हैं।
वैसे तो भूत-प्रेतों को लेकर सबके अपने अलग-अलग विचार हैं कोई इन्हें अदृश्य शक्ति मानता है तो कोई इन्हें पूर्णत: मिथक और काल्पनिक मानता है।
भारत में भी कई ऐसे स्थान हैं जहां भूतों और प्रेतों की कहानियां प्रचलित हैं, कई ऐसे रहस्य भी है जो कभी सुलझ नहीं सके। वहीं भारत के पडोसी देशो में भी ऐसी कहानियां देखने को मिल जाती है। ऐसी ही कहानी है चोरटेन कांग नग्यी की, ये एक स्तूप है, जिसे तिब्बती लोगों ने यह नाम दिया है। इसे यमलोक का दरवाजा भी कहा जाता है।
इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां अगर कोई भूल से भी रात रूक जाता है, तो सुबह लौट के नहीं आता। चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में दारचेन से 30 मिनट की दूरी पर यह जगह स्थित है, जो कैलाश जाने वाले मार्ग पर आती है हिंदू मान्यता अनुसार इसे यमराज के घर का दरवाजा माना जाता है।
इसे किसने बनवाया ये आज तक पता नहीं चल पाया है पर आए दिन यहां अनहोनी घटनाएं होती रहती है, जिससे जुड़े रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाये है। ये अंधविश्वास को बढ़ावा देने के इरादे से नही बताया जाता। पर ऐसे कुछ रहस्य भी हैं, जिसे विज्ञान भी नही सुलझा पाया है।