November 23, 2024     Select Language
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इन स्कूलों में लड़कियों के भौहों के आकार भी तय, पोनीटेल तो बांध ही नहीं सकते 

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कोलकाता टाइम्स : 
भारत जैसे देश में स्कूलों में ड्रेस कोड का मामला लगातार विवादों में रहता है. अभी हाल ही में कर्नाटक में छात्राओं के कॉलेज में हिजाब पहनकर आने का मुद्दा सुर्खियों में था. लेकिन जापान जैसे देश में भी छात्र-छात्राओं को जिस तरह के कड़े ड्रेस कोड का सामना करना पड़ता है, उसे जानकर आपको जरूर आश्चर्य होगा. कई जापानी स्कूलों ने छात्राओं के पोनीटेल करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. इसका कारण सुनकर आप दंग रह जाएंगे. स्कूलों का मानना है कि छात्राओं की गर्दन का पिछला हिस्सा छात्रों को यौन रूप से उत्तेजित कर सकता है. इसके अलावा छात्रों को स्कूलों में केवल सफेद अंडरवियर पहनकर आने का नियम है, ताकि उसकी झलक ड्रेस से बाहर न दिखे.

जापान के छात्रों के पास इन बेतुके नियमों को मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. एक सर्वे से पता चला कि जापान के फुकुओका प्रान्त में 10 में से एक स्कूल ने छात्राओं के पोनीटेल हेयर स्टाइल पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. शिक्षा जगत के कई लोगों को मानना है कि पोनीटेल पर रोक लगाना लिंगभेद के समान है और ये कहीं न कहीं छात्राओं की अभिव्यक्ति के अधिकार को कमजोर करता है. जापान में अब माता-पिता और छात्राएं इस बेतुके ड्रेस कोड पर नाराजगी जताने के लिए आगे आ रहे हैं. इसके कारण जापानी सरकार को शिक्षा के नियमों में सुधार करने के लिए बाध्य होना पड़ा. लेकिन फिर भी हर स्कूल से अभी छात्राओं के पोनीटेल पर लगी रोक को हटाया नहीं गया है.

जापान के स्कूलों में केवल पोनीटेल और रंगीन अंडरवियर पर ही प्रतिबंध नहीं है. स्कूल बच्चों के मोजे के रंग, स्कर्ट की लंबाई और यहां तक कि उनकी भौहों के आकार पर भी प्रतिबंधों को भी लागू करते हैं.

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