जब ‘मर्द पत्नी’ से बचने सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पति
जानकारी के मुताबिक, पति ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि ससुर और पत्नी पर कानूनी केस चलना चाहिए. बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर विचार करने की स्वीकृति दे दी है. पति के वकील ने उसके ससुर, पत्नी और मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है. सभी पक्षकारों से डेढ़ महीने में जवाब मांगा है.
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले पति ने मामले को हाईकोर्ट में उठाया था. उस वक्त हाई कोर्ट ने जून 2021 में फैसला भी दिया था. इस फैसले से जब पति संतुष्ट नहीं हुआ तो उसने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए. इस मामले में एक वकील का कहना था कि मेडिकल से इस बात के पूरे साक्ष्य हैं कि पत्नी को महिला नहीं कहा जा सकता.
शख्स ने कोर्ट में जो मेडिकल रिपोर्ट पेश की, उससे पता चला कि उसकी पत्नी का प्राइवेट पार्ट पुरुष का है. उसके वकील का कहना है कि यह अपराध आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध है. युवक को पुरुष से शादी कराकर ठगा गया है. महिला अपने प्राइवेट पार्ट के बारे में जानती थी.