कविता लिखने के चक्कर में खायी जेल की हवा
बीजिंग में अपने को कवि मानने वाले एक व्यक्ति को अपनी इस प्रतिभा पर बड़ा नाज था। उन्होंने कुछ कविताएं प्रतिष्ठित पत्रिकाओं को भेजीं लेकिन उनको खारिज कर प्रकाशित नहीं किया गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उसके बाद उन्होंने अपनी कविताओं को ऑनलाइन अपने ब्लॉग पर शेयर करना शुरू कर दिया।
उनको उम्मीद थी कि इससे वाहवाही मिलेगी, लेकिन उनका मजाक उड़ाया जाने लगा। किसी ने उनको मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया तो किसी को उनकी कविताएं दोयम दर्जे की लगीं। इससे वह शख्स बेहद नाराज हुआ और एक वेबसाइट के स्थानीय ऑफिस पहुंचा और वहां पर एक कंप्यूटर को तोड़-फोड़ डाला। आननफानन में पुलिस बुलाई गई। पुलिस ने उनको पकड़कर जेल में डाल दिया है और क्षतिग्रस्त कंप्यूटर का मुआवजा भरने के बाद ही छोड़ने को कहा है। वह कवि तो नहीं बन पाए लेकिन चर्चित जरूर हो गए हैं।