July 2, 2024     Select Language
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40 पैसे का केस शख्स को खुद पर पड़ा महंगा, अदालत ने ग्राहक पर ही लगा दिया जुर्माना

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कोलकाता टाइम्स :

बीते दिनों बेंगलुरु  में एक बेहद ही अजीबोगरीब मामला सामने आया. यहां एक ग्राहक ने खाने पर 40 पैसे अधिक लेने पर एक रेस्तरां के खिलाफ उपभोक्ता न्यायालय में मुकदमा किया. इस मामले की सुनवाई तकरीबन 8 महीने चली. अंत में अदालत ने याचिकाकर्ता पर ही कोर्ट का वक्त बर्बाद करने का दोष लगाते हुए उस पर जुर्माना लगा दिया. अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने व्यर्थ की लोकप्रियता पाने के लिए केस दायर किया था, जिसकी वजह से कोर्ट का बहुमूल्य समय बर्बाद हुआ. लिहाजा, कोर्ट ने मुआवजे के तौर पर 4,000 हजार रुपये भुगतान करने का आदेश दिया.

खबरों के मुताबिक, मामला साल 2021 का है, जब मुर्ति नाम के एक शख्स ने बेंगलुरु में होटल अंपायर से खाना ऑर्डर किया. खाने पर रेस्टोरेंट में उन्हें 265 रुपये का बिल थमा दिया. हालांकि खाने का बिल 264.60 रुपए था. मूर्ति ने इसके बारे में रेस्टोरेंट के स्टाफ से पूछा. जब स्टाफ ने कोई जवाब नहीं दिया तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की और रेस्टोरेंट पर ग्राहकों को लूटने का आरोप लगाया. मूर्ति यहीं नहीं रुके. उन्होंने कंज्यूमर कोर्ट में रेस्टोरेंट के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया और 1 रुपये का हर्जाना मांगा.

अपनी याचिका में मुर्ति ने लिखा कि इस घटना से वह काफी परेशान हुए हैं और उन्हें सदमा लगा है. मूर्ति ने अपने केस की पैरवी खुद की. रेस्तरां की तरफ से वकीलों ने केंद्रीय वस्तु और सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 170 का तर्क दिया. 8 महीने तक चली सुनवाई के बाद मामले में अदालत ने फैसला देते हुए मूर्ति को फटकार लगाई.

अदालत ने कहा कि भारत सरकार के नियमों के मुताबिक 50 पैसे से कम को इग्नोर किया जा सकता है और इससे ज्यादा है तो उसे एक रुपया बनाया जा सकता है. कोर्ट ने मूर्ति को अदालत का समय बर्बाद करने पर फटकार लगाई और जुर्माना भी लगाया.

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