‘कुछ नहीं करने’ के पैसे दो तो सुख-दुःख बाँटने आ जायेंगे भाड़े के पुरुष

27 साल की शिराई कहती हैं कि मुझे ऐसा लगा कि मैं किसी के साथ हूं, लेकिन साथ ही लगा कि मैं नहीं हूं, क्योंकि वह इस तरह के सिचुएशेन में था, जहां मुझे उसकी ज़रूरतों के प्रति चौकस रहने या उसके बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं थी. मुझे बोलने में कोई अटपटा या दबाव महसूस नहीं हुआ. हो सकता है कि यह पहली बार हो जब मैंने पूरी तरह से साइलेंट लंच किया हो.
जापान और दक्षिण कोरिया में पिछले कई सालों से यह उद्योग चलता आ रहा है. इसमें अजनबियों को दोस्तों, परिवार के सदस्यों या अन्य परिचितों के लिए किराए पर लिया जाता है. जिससे सोशल फंक्शन में उनके दिखावे की जरूरत पूरी होती है.
पिछले 4 वर्षों से 38 वर्षीय शोजी मोरिमोटो खुद को किराए पर देने का काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों को जापान में मोरिमोटो कहा जाता है, जिन्हें रेंटल-सान भी बोला जाता है. मोरिमोटे एक सेशन के करीब साढ़े 6 हजार रुपये फीस लेते हैं.
जापान में इन लोगों को विभिन्न तरह के कामों के लिए किराए पर लिया जाता है, जो करते कुछ नहीं है, बस साथ रहते हैं. कोई तलाक के कागजात दाखिल करते समय इन्हें साथ रखते हैं तो कई सर्जरी के लिए परामर्श के दौरान. कोई तो महज इसलिए किराए का भुगतान करते हैं कि बुलेट ट्रेन में सवार होते समय उन्हें नाटकीय विदाई मिल सके.