July 3, 2024     Select Language
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बगैर दवा पित्ताशय में पथरी होने से पहले रोकें ऐसे 

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कोलकाता टाइम्स :

पित्ताशय में पथरी, छोटे कंकड़ के समान धीरे-धीरे जमा होने वाली संरचनायें हैं। इस प्रक्रिया में कई वर्ष लग सकते हैं। पित्ताशय में पथरी बहुत आम हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि इनकी वजह से कोई असमान्य लक्षण हों। दुर्भाग्यवश, पित्ताशय में पथरी के लगभग 10 प्रतिशत मामले या तो सिस्टिक या आम पित्त नलिकाओं में अवरोध उत्पन्न कर पेट दर्द, पीलिया, मतली और बुखार जैसे लक्षण प्रकट करते हैं। जब ऐसा हो तो शल्य चिकित्सा द्वारा सूजनयुक्त पित्ताशय और पथरी निकालना आवश्यक हो जाता है। कई लोगों को पित्ताशय में पथरी की जानकारी अचानक हुये उदर भाग के एक अल्ट्रासाउंड से होती है। पित्ताशय में पथरी की जानकारी होने पर किन खाद्य पदार्थों से आपको दूर रहना चाहिए? क्या आप आहार में परिवर्तन कर प्राकृतिक रूप से पित्ताशय की पथरी को रोक सकते हैं?

आइये जानते हैं इस बारे में –

इन निर्देशों का पालन करें-

1. ना खाएं पशु उत्‍पाद- पशु उत्पादों से प्राप्त खाद्य पदार्थों को खाने से बचें। लाल मांस, मक्खन और दूध के संतृप्त वसा पथरी के बनने या पित्ताशय की थैली के हमलों को बढ़ावा देते हैं।

2. वसायुक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहें- जिन लोगों को पथरी है उन्‍हें चिकना और तेल वाला खाना नहीं खाना चाहिये क्‍योंकि ऐसे आहार पित्ताशय को और अधिक काम करने पर मजबूर करते हैं। यदि आपके पथरी हो तो यह अचानक आपके पित्ताशय वाहिनी में अटककर अवरोध उत्पन्न कर सकता है।

3. वसा रहित तेल का उपयोग करें- कनोला और जैतून के तेल जैसे एकलसंतृप्त वसा का उपयोग करें। नारियल जैसे फल उत्कृष्ट फाइबरयुक्त आहार होते हैं। ये तेल जो भूमध्यसागरीय आहार होते हैं वे वास्तव में पथरी रोकने में सक्षम होते हैं।

4. समुद्री मछली खाएं- टूना, मैकरेल, और सैलमन जैसी समुद्री मछलियों को खायें। ओमेगा-3 युक्त मछली के तेल पित्ताशय में पथरी बनने की प्रक्रिया को रोककर पित्ताशय को अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद करते हैं।

5. परिष्कृत चीनी और उच्च शर्करायुक्त कार्बोहाइड्रेट से बचें- आलू, चावल और पास्ता और ब्रेड शरीर द्वारा शर्करा में परिवर्तित कर दिये जाते हैं। उच्च रक्त शर्करा का स्तर सीधे मधुमेह और पथरी बनने की प्रक्रिया के साथ जुड़ा होता है। एक डॉक्‍टर के सुसाइड की वजह से चर्चा में हैं पोस्टपार्टम हेमरेज , जानें इससे जुड़ी जरुरी बातें

6. हर दिन थोड़ी कॉफी अवश्य पियें- ऐसा करने से पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल स्तर कम होता है और पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकने में मदद मिलती है।

7. सब्जियों और फलों का भरपूर सेवन करें- न केवल उनमें वे विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं बल्कि मेडिकल शोध यह बताते हैं कि वे वास्तव में पथरी बनने को रोक सकते हैं।

8. साबुत अनाज का प्रयोग- साबुत अनाज और अन्य अनाज जैसे जल में घुलनशील फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में भरपूर मात्रा में शामिल करें। पथ्य फाइबर कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम कर स्वाभाविक रूप से पथरी बनने से रोकने में मदद करते हैं। टिप्स और चेतावनियाँ- आनुवंशिक कारण पथरी के खतरों को प्रभावित कर सकते हैं। अगर पथरी के कारण कोई लक्षण का अनुभव न हों तब भी कुछ चिकित्सा समस्याओं के कारण उन्हें निकाले जाने की जरूरत होती है। मोटापा या तेजी से वजन कम होना भी पथरी होने से जुड़े कारण हैं। वजन धीरे-धीरे कम करें और फिर इस स्वस्थ वजन को बनाए रखें जिससे पथरी होने का खतरा न हो।

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