बड़ा खुलासा: हिन्दू देव-देवताओं को कैसे चढ़ाये’? कहते ही ‘हलाल’ को बनाना पड़ा ‘झटका’
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कोलकाता टाइम्स :
परंपरा है कि नए साल का जश्न मनाने के लिए कर्नाटक में खासकर दक्षिण हिस्सों में लोग मांसाहारी भोजन पकाकर खाते हैं. इसे ‘होसातोड़ाकु’ या ‘वर्षादा तोड़ाकु’ के नाम से जाना जाता है. इसका मतलब है ‘नए साल की शुरुआत’. इस मामले को लेकर मुस्लिम कारोबारियों ने कहा है कि ‘हलाल मीट’ के बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ा है.
बता दें कि हिंदू जन जागृति समिति ने कहा था कि हम इस होसातोड़ाकु पर्व पर हिंदू समुदाय से हलाल मांस न खरीदने की अपील कर रहे हैं. हलाल करने के लिए इस्लामी परंपराएं अपनाई जाती हैं. वे कुरान की आयतें पढ़ते हुए अल्लाह के नाम पर जानवर को मारते हैं. वो मांस सबसे पहले उनके अल्लाह को चढ़ाया जाता है. इसलिए उसे हिंदू देवी देवता को नहीं चढ़ाया जा सकता.
वहीं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा, ‘वे कहते हैं कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है. तो फिर इसे हलाल क्यों कहा जाए. इसे हलाल कहकर प्रचारित न किया जाए. जो नहीं खाना चाहते, नहीं खरीदेंगे और जो खाना चाहते हैं वो खरीदेंगे. यदि आप कहते हैं कि इसे केवल उसी नाम से पुकारा जाए तो फिर यह आर्थिक जिहाद हुआ.’
इस बीच कई दुकानदारों ने अपने साइनबोर्ड को ‘हलाल’ से बदलकर ‘झटका’ कर लिया है. हालांकि इस नए विवाद के बीच मीट के हिंदू कारोबारियों की दुकानों पर भीड़ बढ़ी है.