जिंदगी में सुकून भर देगा यह जगह
वैसे तो बोधगया में मन्दिर, पीपल वृक्ष, सरोवर, गुफा, संग्रहालयों की कमी नहीं है लेकिन सैलानियों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र महाबोधी मंदिर है जिसे देखने के लिए दुनियाभर के बौद्ध भिक्षु और पर्यटक गया की ओर रुख करते हैं। 2002 में इस मंदिर को यूनीसेफ ने विश्व धरोहर घोषित किया था। इस मंदिर के खुलने का समय सुबह पांच बजे है जो रात के नौ बजे तक खुला रहता है। इस दौरान यहां आने वाले श्रद्धालु जप और ध्यान लगाना नहीं भूलते।
इस मंदिर के अलावा बोधगया में ऐसे बहुत से मठ है जिसकी अनोखी वास्तुकला शैली सैलानियों को अपनी ओर खींचती है। इन मठों का रखरखाव अलग-अलग देशों के बौद्धधर्मी करते हैं। अन्य लोकप्रिय आकर्षण में भगवान बुद्ध की 80 फुट की प्रतिमा भी है जिसे देखे बिना आप कहीं जा नहीं सकते। यदि आप बोधगया के बारे में और जानना चाहते हैं तो आप वहां के पुरातात्विक संग्रहालय जाना न भूलें। संग्रहालय में आपको दिलचस्प अवशेष, शास्त्र और बुद्ध की प्राचीन मूर्तियां देखने को मिलेगी।
अगर आप शहर की भागदौड़ से परेशान हैं और आपको शांति की तलाश है तो आपके लिए बोधगया सबसे उपयुक्त जगह है। इस जगह में प्रवेश करते ही आप खुद में राहत महसूस करेंगे। बोधगया में ऐसी बहुत सारी संस्थाए हैं जो मेडिटेशन का कोर्स भी करवाती हैं।
यदि आप वहा रहने की योजना बना रहे हैं तो वहां के आश्रम से अच्छा अन्य कोई दूसरी जगह हो ही नहीं सकता। आप तिब्बती या भूटानी मठों में भी ठहर सकते हैं। वैसे तो बोधगया में पूरे साल हलचल रहती है लेकिन सितंबर से जनवरी महीने तक सैलानी ज्यादा से ज्यादा वहां पहुंचने की कोशिश करते हैं। बोधगया जाने के लिए आपको गया रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट उतरना होगा। आप सीधे पटना से भी बोधगया पहुंच सकते हैं। पटना से आपको सड़क मार्ग से मात्र चार घंटे ही लगेगा।