शर्त लगा लीजिये खुजली की यह सच्चाई नहीं पता होगा
कोलकाता टाइम्स :
खुजली होना बहुत ही आम बात है. आपने अक्सर देखा होगा कि खुजली करने से अच्छा महसूस होता है. इससे शरीर में एक अलग ही आनंद की अनुभूति होती है. खुजली शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है. आज हम आपको खुजली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स के बारे में बताएंगे.
लिवरपुल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फ्रांसिस मैक्लोन के अनुसार, एक शख्स को आमतौर पर एक दिन में 97 बार खुजली होती है.
पेड़-पौधे और कीड़े-मकोड़े इंसान की त्वचा पर एक टॉक्सिन छोड़ते हैं. इसके जवाब में हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम से हिस्टैमिन का स्राव होता है. इसके बाद खुजली होने लगती है.
अमेरिकी वैज्ञानिक जेआर ट्रेवर ने अपने जीवन के 40 साल खुजली की वजह ढूंढने में गुजार दिए थे. उन्होंने खुजाते-खुजाते अपनी चमडी तक उधेड़ डाली थी और इसके टुकड़ों को बडे-बडे वैज्ञानिकों को भेजा था. यहां तक कि उन्होंने इस पर रिसर्च पेपर भी लिख डाला था.
साल 1948 में अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने खुजली पर एक रिसर्च पेपर छापा था. इसमें बताया गया था कि खुजली होने पर लोग खुद को जोर से खरोंचकर तकलीफ देते हैं, लेकिन इससे उन्हें राहत मिलती है.
सैमुअल हाफेरफेर नामक जर्मन फिजिशियन सबसे पहले इस समस्या को दुनिया के सामने लाए. उन्होंने तब पहली बार दुनिया को बताया कि खुजली क्या होती है.