किसी अपने के मरते ही लोग यहां छोड़ देते हैं अपना आशियाना
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कोलकाता टाइम्स :
क्या अपने प्रियजनों की यादों को भूलना, उससे जुड़ी चीजों से किनारा करना इतना आसान होता है? क्या परिजनों के मरने पर कोई अपना पुराना घर छोड़ नए घर का निर्माण करता है? शायद हर कोई ये नहीं कर सकता परंतु कुछ लोग ऐसा करते हैं। लेकिन ये लोग अपनी इच्छानुसार ऐसा नहीं करते। फिर ऐसी क्या बात है कि उन्हें अपना पुराना घर छोडऩे को मजबूर होना पड़ता है।
भारत में एक समुदाय ऐसा है जो किसी अन्य जनजाति या समुदाय के लोगों से मिलना-जुलना या बातें करना ज्यादा पसंद नहीं करते। बैगा नाम से मशहूर इस जनजाति में प्रथा है कि किसी परिजन की मौत के बाद ये अपना घर छोड़ देते हैं। फिर ये कहीं और भूमि तलाशते हैं तथा उस भूमि पर नए घर का निर्माण करते हैं। वहां नए सिरे से अपनी गृहस्थी बसा कर अपनी बची जिंदगी की शुरूआत करते हैं। ये जनजाति मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के जंगलों में निवास करती है।