कुछ भी हो जाये विद्या बालन ये काम कभी नहीं
विद्या कहती हैं कि वह अपने लाइफ में कभी हॉरर फिल्म नहीं कर सकती हैं और न ही करना चाहती हैं। चूंकि उन्हें डर लगता है। विद्या कहती हैं “मैंने भूल भुलैया की थी। मानती हूं। वह साइकॉलोजिकल थ्रीलर थी लेकिन उसमें थैंक गॉड कोई अगली क्रियेचर्स नहीं थे। मैं ये सब बर्दाश्त नहीं कर सकती और न ही ऐसे सीन्स निभा सकती हूं।“ विद्या कहती हैं कि मुझे याद है कि वह एक फिल्म देख रही थीं, जिसमें एक घोस्ट ने खुद के सिर पर गोली मार ली थी। मैं बहुत अधिक चिल्लाने लगी थीं। तब मेरी मेड ने आकर मुझे पूछा कि अचानक क्या हुआ? फिर मैं काफी देर तक शांत हो गयी थी। तब सिद्धार्थ को जब यह बात पता चली तो उन्होंने मुझे समझाया कि वह सिर्फ फिल्म है, इसमें डरने की कोई बात नहीं है, तो विद्या कहती हैं कि मैंने सिद्धार्थ को कहा कि मैं वैसा किरदार न तो निभा सकती हूं और न ही वैसी फिल्में कभी कर सकती हूं। ये सारी बातें मेरे दिमाग में घर कर जाती हैं और मैं ऐसा होने नहीं देना चाहती हूं।
विद्या कहती हैं कि इसके बाद से न तो मैं हॉरर कलेक्शन वाली फिल्मों को हाथ लगाती हूं और न ही मेरे रहते सिद्धार्थ इसे देखते हैं। विद्या आमतौर पर हल्के फुल्के रोल में कम्फर्टेबल महसूस करती हैं।