June 29, 2024     Select Language
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खूबसूरत शहरों में सबसे आगे है इसका नाम 

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कोलकाता टाइम्स :
देश के खूबसूरत शहरों में अमृतसर का नाम सबसे आगे लिया जाता है। यह पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर है जहां सिखों का सबसे बडा गुरुद्वारा स्वर्ण मंदिर है। लाखों की संख्या में पर्यटक हर साल इस मंदिर की भव्यता को देखने के लिए पहुंचते हैं।
अमृतसर का आकर्षण
अमृतसर का स्वर्ण मंदिर हमेशा से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। इसके आकर्षण का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि श्रद्धालु विश्व के कोने-कोने से यहां आकर अपनी सेवा देते हैं। वैसे तो यह मंदिर दिन में बहुत ही ज्यादा सुंदर दिखता है लेकिन जब रात में कृत्रिम लाइट की रोशनी इस मंदिर पर पड़ती है तो इसकी खूबसूरती का नजारा कुछ और ही होता है। मंदिर के आसपास का पूरा क्षेत्र सुनहरे रोशनी से चमकने लगता है।
स्वर्ण मंदिर 24 घंटों में से 20 घंटे (सुबह छ्ह बजे से रात दो बजे तक) खुला रहता है आप रात या दिन किसी भी समय इसकी खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं।
त्यौहारों में अमृतसर
त्यौहारों के समय अमृतसर शहर का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। दिवाली, होली, लोहणी और बैसाखी के समय यहां पर पर्यटकों का जमावड़ा लगने लगता है। त्यौहारों से संबंधित अधिकतर समारोह स्वर्ण मंदिर के आसपास ही आयोजित किए जाते हैं। अमृतसर में मनाए जाने वाले दूसरे त्यौहारों में गुरु नानक जयंती भी है जिसे नवंबर के महीने में मनाया जाता है।
कब जाएं अमृतसर
अमृतसर की जलवायु गर्मियों में काफी गर्म और सर्दियों में काफी ठंडी रहती है। इसलिए पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वह अक्टूबर और फरवरी के महीने में इस जगह का दौरा करें। अप्रैल महीने के बाद से ही यहां की जलवायु गर्म होने लगती है और जुलाई तक आते-आते यहां बारिश होने लगती है।
जलियांवाला बाग
विश्व के इतिहास में जलियांवाला बाग हत्याकांड को एक बर्बर नरसंहार माना गया है जहां 13 अप्रैल, 1919 को अंग्रेजी सेनाओं की एक टुकड़ी ने निहत्थे भारतीय प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां चालाई थीं। इसमें घटना 1000 लोगों की मृत्यु हो गई। आज यह बाग एक सुन्दर पार्क में तब्दील हो गया है और इसमें एक संग्रहालय का निर्माण भी कर दिया गया है। इसकी देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी जलियांवाला बाग ट्रस्ट को दी गई है। यहां पर सुन्दर पेड़ लगाए गए हैं और बाड़ बनाई गई है। इसमें दो स्मारक भी बनाए गए हैं जिसमें एक स्मारक रोती हुई मूर्ति का है और दूसरा स्मारक अमर ज्योति है। बाग में घूमने का समय सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक का है। जलियांवाला बाग स्वर्ण मंदिर से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप चाहे तो मंदिर से पैदल भी जा सकते हैं।
वाघा बॉर्डर
अगर आप अमृतसर जा रहे हैं तो वाघा बॉर्डर जाना न भूलें। यह जगह अमृतसर से 28 किलोमीटर की दूरी पर भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर स्थित है। हर शाम यहां पाकिस्तान और हिंदुस्तान के सैनिकों की तरफ से आक्त्रामक तरीके से परेड आयोजित किए जाते हैं। इस परेड को बीटिंग रिट्रीट कहा जाता है और इसे देखने हर शाम यहां दूर-दूर से लोग आते हैं जिनमें बहुत से विदेशी पर्यटक भी शामिल होते हैं। 1959 से लेकर आज तक हर शाम बॉर्डर पर यह बीटिंग रिट्रीट का समारोह बदस्तूर जारी है। स्वर्ण मंदिर से वाघा बॉर्डर जाने में लगभग एक घंटे का वक्त लगता है। आप यहा टैक्सी या शेयर्ड जीप लेकर पहुंच सकते हैं।
कैसे पहुंचें
अमृतसर शहर नए और पुराने दो शहरों में विभाजित है। स्वर्ण मंदिर पुराने अमृतसर में स्थित है जिसके आसपास बाजार ही बाजार है। यहां से 15 मिनट की दूरी पर रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से स्वर्ण मंदिर के लिए कई बसें चलाई जाती हैं। आप चाहे तो फ्लाइट से भी अमृतसर पहुंच सकते हैं। यह एयरपोर्ट देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। आप यदि स्वर्ण मंदिर के आसपास रुकने की योजना बना रहे हैं तो आप अपने बजट के अनुसार होटल बुक करा सकते हैं। आपको यहां एक दिन के लिए कम से कम 1200 से 1400 रुपए खर्च करना पड़ेगा।

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