रूस इस बीमारी को बनाना चाहता था शत्रुओं को बर्बाद करने का भयानक वैपन, साइंटिस्ट ने खोला राज
ब्रिटिश टैब्लॉइड द मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार, दावे कनत अलीबेकोव द्वारा यह दावा किया गया है. इन्हें केनेथ अलीबेक के नाम से भी जाना जाता है, जो 1991 में सोवियत संघ के बायो-वैपन के स्पेशलिस्ट थे. बाद में, वह अमेरिका जाने से पहले एक साल के लिए रूस में रहे. अमेरिकन केमिकल एंड बायोलॉजिकल वेपन्स नॉनप्रोलिफरेशन प्रोजेक्ट (CBWNP) के साथ हाल ही में खोजे गए 1998 के एक साक्षात्कार में, अलीबेकोव ने दावा किया कि सोवियत देश के पास हथियार के रूप में वायरस का उपयोग करने का एक कार्यक्रम था. बता दें कि अलीबेकोव ने 32,000 कर्मचारियों के साथ रूस के लिए काम किया था.
अलीबेकोव ने बताया, ‘हमने यह निर्धारित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम विकसित किया है कि मानव चेचक के बजाय ‘मॉडल’ वायरस का उपयोग किया जा सकता है.