विधानसभा चुनाव में टीएमसी उम्मीदवार निकली बांग्लादेशी नागरिक कलकत्ता हाईकोर्ट ने कह दी बड़ी बात
पश्चिम बंगाल में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बनगांव दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडऩे वाली उम्मीदवार आलो रानी सरकार ने शनिवार को दावा किया कि वह 1969 में भारत में पैदा हुई थीं और बांग्लादेश में उनकी पुश्तैनी संपत्ति है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने आलो रानी को बांग्लादेशी नागरिक माना है.
वहीं आलो रानी सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सिंगल बेंच के फैसले से मैं संतुष्ट नहीं हूं, डिवीजन बेंच में इसे चुनौती दूंगी. अदालत ने बनगांव सीट पर भाजपा उम्मीदवार स्वपन मजूमदार की जीत को चुनौती देने वाली आलो रानी की याचिका खारिज करते हुए उनके बांग्लादेशी होने का फैसला सुनाया था. न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने अपने 20 मई के आदेश में कहा था कि आलो रानी सरकार ने पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड के आधार पर भारतीय नागरिक होने का दावा किया था, जो भारत की नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज नहीं हैं.
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज विवेक चौधरी ने अपने आदेश में कहा था कि आलो रानी सरकार के पास बांग्लादेश का मतदाता पहचान पत्र है. उनकी शादी बांग्लादेशी नागरिक से हुई है, जो उन्हें वहां की नागरिक साबित करने के लिए काफी है. नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के अनुसार उन्होंने भारत की नागरिकता कभी हासिल नहीं की. आज भी यह साफ नहीं है कि बांग्लादेश की मतदाता सूची से उनका नाम हटा या नहीं. उनकी मां और भाई आज भी बांग्लादेश में रहते हैं. भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है, लिहाजा उन्हें भारतीय नागरिक नहीं माना जा सकता.