June 30, 2024     Select Language
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कहीं आप भी बाइपोलर डिसऑर्डर से तो नहीं जूझ रहें 

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कोलकाता टाइम्स : 

बाइपोलर डिसऑर्डर को मानसिक विकार के नाम से भी जाना जाता है। बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रसित इंसान बहुत ही गंभीर मिजाज का होता है। इसका असर कई सप्ताह या महीनों या काफी सालों तक रहता है। हर 100 में से 1 व्यक्ति इस मानसिक विकार से ग्रसित होता है। बाइपोलर शब्‍द दो शब्‍दों से मिलकर बना है जिसमें व्‍यक्ति के मूड के दो रूपों को दिखाया गया है। पहला मूड का अचानक से अत्यधिक उच्च स्तर दूसरा, अत्यधिक निम्न स्तर। व्‍यक्ति इन्‍हीं दोनों में उलझा रहता हैं। बाइपोलर मैनिक डिप्रेशन में तनाव के लक्षणों में दुखी रहना, ऊर्जा में कमी, इच्छा में कमी, आत्मविश्वास में कमी, मरने की इच्छा करना और नाउम्मीद होना शामिल है। वही दूसरी तरफ उन्माद के लक्षणों में बहुत अधिक खुशी, नींद की जरूरत घटना, बहुत अधिक बोलना, जोखिम लेना, अति आत्मविश्वास होना, बहुत अधिक खर्च करना आदि शामिल है। यह आमतौर पर किशोरावस्था के दौरान या उसके बाद शुरू होता है, और यह पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित होते हैं।

यह है 10 संकेत जो बईपोलर डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति के अंदर पाए जाते है।

1. मूड में बदलाव बईपोलर 

डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति का मूड पल पल में बदला करता है। एक समय के बाद कुछ रोगी वास्तविकता से दूर होने लगते है। लेकिन इसी बीमारी के दूसरे रूप में , व्यक्ति इसमें बहुत उर्जावान रहता है और वास्तविकता से जुड़ा रहता है।

2. कार्यों को पूरा करने में असमर्थ

कोई भी कार्य पूरा करने में असमर्थ होना यह बईपोलर डिसआर्डर की निशानी है। ऐसे व्यक्ति अपनी पूरी ऊर्जा अपने काम में नहीं लगा पते है। और ऐसे लोग एक समय में एक से ज्यादा काम नहीं कर पाते है।

3. डिप्रेशन 

बाइपोलर डिसऑर्डर एक आम डिप्रेशन की तरह ही लगता है पर ऐसा होता नहीं है और इसे किसी डिप्रेशन की दवाई से ठीक भी नहीं किया जा सकत है। क्यों की बईपोलर डिसआर्डर से ग्रसित व्यक्ति की हालत बहुत बिगड़ी होती है और वास्तविकता से कोसो दूर होते है। ऐन्टीडिप्रेसन्ट जैसी दवाई ऐसे व्यक्तिओं की हालत और ख़राब कर सकती है और मरीज़ मेनीअ में भी जा सकत है।

4. चिड़चिड़ापन 

बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति पागलपन का भी शिकार हो सकता है, जिसमें लोग पागलपन और डिप्रेशन के एक साथ शिकार होते है और इस दौरान वे काफी चिड़चिड़े होते है। जिस की वजह से उनके करीबी रिश्‍ते भी खराब हो जाते है। 5. जल्दी जल्दी बोलना कुछ लोग स्वाभाविक रूप से बातूनी होते है पर जल्दी जल्दी बोलना बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण है। इस तरह की बात चीत एक तरफा होती है। और वह व्यक्ति जल्दी जल्दी बोलेगा और आपकी बात पूरी नहीं होने देगा।

6. काम में गड़बड़ी

इस परेशानी से ग्रसित व्यक्ति कभी कभी अपने काम को अच्छे से नहीं कर पता है, क्योंकी ऐसे लोगो को दूसरो से बात करने में परेशानी होती है जो उनके काम में असर डालता है। कार्यों को पूरा करने की समस्याओं होने के अलावा वे सही से सो नहीं पते है जिसकी वजह से उनके अन्दर चिड़चिड़ापन आ जाता है।

7. शराब या नशीली दवाओं का उपयोग करना 

बाइपोलर डिसऑर्डर 50% उन लोगों में होता जो शराब का उपयोग डिप्रेशन से बहार आने में करते है। कई लोगो शराब इस लिए पीते है जिसे वे अपने दिमाग को शांत रख सके।

8. अनियमित व्यवहार

इन जैसे लोगों के लिये उनका आत्मसम्मान सब कुछ होता है, और वे कुछ भी करने से पहले कुछ नहीं सोचते हैं क्योंकी उन्हें सब कुछ अच्छा लगता है।

9. नींद न आना 

इस हालत में लोगों को नींद की समस्या होती है। डिप्रेशन के दौरान वे बहुत ज्यादा सोते है और हर समय थकान महसूस करते है। और मैनिक के दौरान वे ज्यादा सोते नहीं है पर फिर भी थकान महसूस करते है, पर कुछ घंटे सोने से वे अपने आपको तारो ताज़ा महसूस करते है।

10.कल्पना की उड़ान 

यह लक्षण पहचानना बहुत कठिन होता है क्योंकी अक्सर ऐसा व्यक्ति अपने ही ख्यालों में खोया रहता है। ऐसे व्यक्ति के दिमाग में हजारों बातें दौड़ रही होती होती हैं और वह इन पे काबू नहीं नहीं कर पता है।

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