May 18, 2024     Select Language
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साबधान ! नमक आपको वेजिटेरियन से नॉन वेजिटेरियन बना सकता है!

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कोलकाता टाइम्स :

मक भी अब नॉनवेज की श्रेणी में आ गया है! चौंकिये मत अभी तक ऐसा चीन में हो रहा है भारत में नहीं। लेकिन हां अगर चाइना से खाने के सामान की सप्लाई लगातार जारी रही, तो हमारी और आपकी थाली में नमक के साथ-साथ प्लास्टिक जरूर आ जायेगी।

जी हां वैज्ञानिकों ने चीन में नमक बनाने वाले 15 बड़े ब्रांड के सैम्पल लिये और माइक्रो लेवल पर जाकर उसकी जांच की। जांच में पता चला कि नमक में माइक्रोप्लास्टिक काण मौजूद हैं। ये वो सफेद कण हैं, जो नमक में मिलाये गये।

बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा यह नमक पड़ोसी देशों में भी सप्लाई किया जाता है। वैज्ञानिकों ने रॉक सॉल्ट और सी सॉल्ट दोनों की जांच की तो सी सॉल्ट में प्लास्टिक तत्व ज्यादा पाया गया। एक किलोग्राम नमक में करीब 550 से 650 कण प्लास्टिक के पाये गये।

कैसे आयी प्लास्टिक

वैज्ञानिकों ने जब इसकी तह तक जाकर खोजबीन की तो पाया गया कि समुद्र के जिस भाग से नमक एकत्र किया गया, वहां की शेलफिश में भी वहीं प्लास्टिक के कण मौजूद थे, जो नमक में। वैज्ञानिकों का मानना है कि फैक्ट्री का अपशिष्ट भारी मात्रा में समुंदर में बहाया जा रहा है।

इस अपशिष्ट में भारी मात्रा में केमिकल्स होते हैं और ये कैमिकल इस प्रकार के प्लास्टिक के कणों के जनक हो सकते हैं। प्लास्टिक के कण अगर समुद्र के रास्ते चलकर चाइना के लोगों की थाली तक पहुंच सकते हैं, तो हमारी और आपकी थाली तक भी पहुंच सकते हैं।

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