बताइये तो भारत की करेंसी पर गांधी जी ही क्यों?
एक कारण तो समझ आता है। इंडिया में या इंडिया के बाहर सबसे ज्यादा मान्यता देने योग्य गांधी जी ही थे जिन्हें हर कोई जानता था। इंडिया में तरह-तरह के लोग और इतने राज्य हैं.. हर राज्य के लोग ये चाहते थे कि करेंसी नोटों पर उनके राज्य का ही कोई हीरो हो।
बात हिन्दू-मुसलमान की भी थी। अलग-अलग रिवाज के लोग ये चाहते थे कि करेंसी नोटों पर उनके मजहब का कोई जांबाज हो। अब जितने तरह के लोग उतने तरह के मतभेद।
एक गांधी जी ही ऐसे व्यक्ति थे जो हर धर्म, मजहब और जाति के लोगों के बीच आसानी से रह सकते थे, वही राष्ट्रपिता भी थे। यही कारण था कि गांधी जी को करेंसी नोटों पर लाया गया। जानकारी के लिए ये भी बता दें कि गांधी जी से पहले हमारे नोटों पर अशोक चक्र हुआ करता था जिसे हटाकर गांधी जी को जगह दी गई।