मानसून के 10 सबसे आम लेकिन खतरनाक रोग
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कोलकाता टाइम्स :
हमारे लिए मानसून का मतलब है गर्म चाय और नाश्ता, बैकग्राउंड में बजता हुआ रेट्रो संगीत और खिड़की के शीशे पर बारिश की बूंदों की हलकी सी थपकी। लेकिन घर से बाहर कदम रखते ही किसी तस्वीर जैसी यह स्थिति मानो खिड़की से बाहर निकल जाती है। मानसून में अच्छा तो लगता ही है लेकिन बीमारी का भी प्रकोप रहता है। आपको 10 मानसून रोगों के बारे में जानने की ज़रूरत हैं जो इस मानसून में हो सकते हैं। कुछ का इलाज हो सकता है जबकि कुछ आपके जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
1: मलेरिया शीर्ष सामान्य मानसून रोगों की सूची में मलेरिया पहले स्थान पर होता है। मादा एनोफेलीज़ मच्छर मलेरिया का कारण बनता है; वे अकसर जलभराव वाले क्षेत्रों में प्रजनन करते हैं। इसलिए, मलेरिया से बचने के लिए अपनी पानी की टंकी को साफ करते रहिए। मलेरिया के आम लक्षण हैं- बुखार, कंपकंपाना, मांसपेशियों में दर्द और कमज़ोरी।
2 : डायरिया यह मानसून में होने वाला एक और सबसे आम रोग है, जो अस्वच्छ खाना या पानी लेने से होता है। डायरिया के दो मुख्य प्रकार हैं- तीव्र डायरिया और क्रोनिक डायरिया। इन दोनों को ही रोका जा सकता है और इलाज भी संभव है। आंत की इस समस्या को रोकने के लिए उचित स्वच्छता रखें, खाना खाने से पहले हाथ धोएं और पानी केवल उबालकर पिएं।
3 : डेंगू डेंगू बुखार मच्छरों के कारण होने वाला एक मानसून रोग है। डेंगू के सामान्य लक्षण बुखार, शरीर में दर्द, जोड़ों का दर्द और दाने हैं। इस मच्छर से बचने के लिए इंसेक्ट रिपेलेंट का उपयोग करें और अपनेआप को ठीक प्रकार से कपड़ो से ढककर रखें।
4 : चिकनगुनिया चिकनगुनिया संक्रमित एडीज़ एलबोपिकटस मच्छरों के काटने से होता है। ये मच्छर रुके हुए पानी में प्रजनन करते हैं और दिन के उजाले में काटते हैं। चिकनगुनिया के आम लक्षणों में अचानक होने वाला बुखार है जिसके साथ जोड़ों में दर्द भी होता है। मानसून की इस बीमारी से बचने के लिए पानी के कंटेनर को पियमित रूप से साफ करें और इंसेक्ट रिपेलेंट का उपयोग करें।
5 : टायफायड टायफायड एक जल जनित रोग है जो मानसून के दौरान अधिक होता है। टायफी बैक्टीरिया टायफायड फैलाता है जो दूषित पानी या भोजन के माध्यम से फैलता है। अस्वच्छता भी इस बीमारी को फैलाने का काम करती है। टायफायड के आम लक्षण हैं- बुखार, सिरदर्द, कमज़ोरी, दर्द और गले में ख़राश। इस बीमारी से बचने के लिए नियमित रूप् से अपने हाथ धोएं ओर सड़क के किनारे भोजन या पानी पीने से बचें और अधिक मात्रा में स्वस्थ तरल पदार्थ पिएं।
6 : वायरल बुखार हालांकि वायरल बुखार हर मौसम के दौरान होता है, लेकिन मानसून के दौरान यह अकसर होता है। वायरल बुखार के सामान्य लक्षण हल्के बुखार से लेकर गंभीर बुखार तक होता है जो सर्दी और खांसी के साथ 3 से 7 दिनों तक रहता है।
7 : हैजा हैजा मानसून की एक घातक बीमारी है। यह अकसर दूषित भोजन और पानी के कारण होता है। दस्त के साथ गंभीर डायरिया हैजा के सामान्य लक्षण है। साफ पानी पीकर और स्वच्छता रखकर आप हैजा से बचाव कर सकते हैं।
8 : लेप्टोस्पाइरोसिस लेप्टोस्पाइरोसिस वेल सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है। यह गंदे पानी या गंदगी के संपर्क में आने पर होता है। लेप्टोस्पाइरोसिस के सामान्य लक्षण हैं- सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बुखार, कंपकंपाहट और सूजन। मानसून की इस बीमारी से बचने के लिए बाहर घूमते समय अपने पैरों को ठीक से ढककर रखें और हर प्रकार के घाव को ठीक से साफ करें।
9 : पीलिया पीलिया वायरस आमतौर पर दूषित पानी और भोजन के कारण फैलता है। पीलिया के लक्षण कमज़ोरी, पीला मूत्र, उल्टी ओर यकृत रोग हैं। इस मानसून पीलिया रोग से दूर रहने के लिए उबला हुआ पानी पिएं और स्ट्रीट फूड खाने से बचें।
10: पेट का संक्रमण मानसून अपने साथ गंभीर पेट संक्रमण जैसे गैस की समस्या भी लाता है जिसके कसरण उलटी, दस्त, डायरिया और पेट में दर्द हो सकता है। पेट की समस्याओं से बचने के लिए रोडसाइड फूड खाने से बचें, उबला हुआ पानी पिएं और अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।