ट्विट में ‘नास्तिक हूँ’ कहते ही हुई 10 साल जेल की सजा
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उसने अपनी पोस्ट पर यह भी लिखा था कि उसे अपने विचारों को व्यक्त करने की आजादी है। आपको बता दें कि सऊदी के कानून के तहत नास्तिक होने को आतंकवादी समझा जाता है। पुलिस की मानें तो उसने ट्वीट के जरिए कुरान की आयतों का उपहास उड़ाया था।
उसने आरोप लगाया कि सभी नबी ने झूठ बोला है। इसकी धार्मिक शिक्षा नफरत फैलाने वाली है और उसने ईश्वर के अस्तित्व को भी नकारा था। एक मानवाधिकार कार्यकर्ता जो स्टोर्क ने कहा कि सऊदी अधिकारी अपनी नीतियों की आलोचना कभी नहीं बर्दाश्त करते हैं।
लेकिन हाल ही में इन कानूनों और नियमों ने किसी भी महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति को लगभग आतंकवाद के अपराधों में बदल दिया है।