कोरोना और मंकीपॉक्स नहीं अब पॉवासन वायरस की सोचिये, जानिए क्या हैं इसके लक्षण

एक्सपर्ट ने अपनी स्टडी में बताया है कि पॉवासन वायरस एक फ्लेवि वायरस है जो टिकों द्वारा प्रेषित होता है. पॉवासन वायरस ज्यादातर उत्तरी अमेरिका और रूस के सुदूर पूर्व में पाए जाते हैं. पॉवासन वायरस का नाम ओंटारियो के पॉवासन शहर के नाम पर रखा गया है, जहां पहली बार 1958 में एक युवा लड़के में इसकी पहचान की गई थी. बाद में उसकी इस वायरस से मौत भी हो गई थी. उत्तरी अमेरिका में जो पॉवासन वायरस पाए गए हैं उसके दो प्रकार होते हैं. एक है लाइनेज-1 और दूसरा है लाइनेज-2.
अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि, वायरस से संक्रमित एक टिक के काटने से लोगों को पॉवासन वायरस की बीमारी हो सकती है. डीपीएच आयुक्त मनीषा जुथानी ने बताया कि, “यह घटना हमें याद दिलाती है कि अब टिक काटने को रोकने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है.”
पॉवासन वायरस से संक्रमित कई लोगों में कोई लक्षण देखने को नहीं मिले हैं, जबकि कई लोगों में इसके हल्के फुलके लक्षण ही दिखाई दिए हैं. डॉक्टरों की मानें तो इस वायरस से पीड़ित होने पर बुखार, सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी, दौरे, एन्सेफलाइटिस, मेनिनजाइटिस आदि की समस्या होती है.