अनिद्रा से पीड़ित होने के लक्षण
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कोलकाता टाइम्स :
अनिद्रा क्या है ? अनिद्रा, दुनिया भर की आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जो हर उम्र के पुरुषों और महिलाओं में हो सकती है। अनिद्रा की परिभाषा बहुत सरल है। नींद ना आना या लंबे समय तक ना सो पाने की समस्या को अनिद्रा कहते हैं। अनिद्रा के विभिन्न प्रकारों से लोग पीड़ित हैं। अल्पावधि या तीव्र अनिद्रा, अनिद्रा का एक आम प्रकार है, यह कुछ दिनों के लिए होती है या कुछ दवाएं या जीवनशैली में किये गये मामूली बदलावों से होती है। अगर अनिद्रा की समस्या काफी लंबे समय के लिए रहें और गंभीर रुप से आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है तो यह एक बहुत गंभीर और चिरकारी समस्या है जिसे सही, पेशेवर चिकित्सक की जरुरत है। अगर एक व्यक्ति 30 दिनों से भी अधिक समय तक के लिये ठीक से ना सो पाएं तो इसका अर्थ यह है कि वह चिरकालीन अनिद्रा का शिकार है। चिरकालीन अनिद्रा से पीड़ित मरीज़ों को “इंसोम्नियाक्स” कहा जाता है।
1 नींद ना आना : नींद का ना आना अनिद्रा का एक बुनियादी लक्षण है। अच्छी नींद पाने के लिए कुछ इंसोम्नियाक्स अपने ही बनाए हुए नुस्खें आजमाते रहते हैं। इंसोम्नियाक्स को यह कहते हुए सुनना कि शराब की कुछ घूंटे “उन्हें रात में अच्छी नींद दिलाने में मदद करती हैं” एक आम बात है। जिन इंसोम्नियाक्स को रात में नींद नहीं आती, उन में से कुछ या तो सुबह जल्दी जाग जाते हैं और बाकी पीड़ित रात में केवल कुछ मिनटों के लिए ही सो पाते हैं। अनिद्रा का सबसे कष्टकर रुप उन इंसोम्नियाक्स में देखा जा सकता है जो पिछले कई दिनों से अनिद्रा से पीड़ित हैं।
2 थकान से साथ जागना : यह एक चिकित्सकीय प्रमाणित तथ्य है कि रात में अच्छी नींद ना आने के कारण कई लोग सुबह की ताजगी नहीं महसूस कर पाते। पर्याप्त नींद के अभाव में, इसका पूरा नुकसान शरीर की चयापचय प्रक्रिया को भुगतना पड़ता है। जो जागने के बाद आपको खुमारी या सर भारी होने जैसे अजीब तरह के भावों का आभास करती है।
3 दिन में सुस्त रहना : सुस्ती, अनिद्रा के कारण लोगों में दिखाई देने वाला एक आम लक्षण है। यह हाल हमें कुछ हद तक अस्वस्थता की भावना को महसूस करता है। दिन में सुस्ती या उनींदापन जैसे भाव व्यक्ति के कामकाजी और सामाजिक जीवन पर बुरा प्रभाव ड़ाल सकते हैं।
4 चिड़चिड़ेपन और मिजाज में बदलाव : जब एक व्यक्ति कि रोज की नींद पूरी नहीं होती तो उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना लाज़्मी है। ऐसे लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है तथा वे चिंता या अवसाद का शिकार हो सकते हैं। वे असामान्य व्यवहार प्रकट कर सकते हैं। वे चीज़ों को याद करने में किसी बात पर ध्यान देने में विफल हो सकते हैं।
5 चिरकालीन : अनिद्रा के लक्षण अगर अनिद्रा के लक्षणों का जल्द निदान और इलाज ना कराया जाए, तो यह गंभीर समस्या बन सकती है। ये लक्षण ऊपर बताए गए लक्षणों से भी बदतर हैं। उदाहरण के लिए, रोगी हमेशा के लिए अवसाद का शिकार हो सकता है। यहां इसका विवरण प्राथमिक या अल्पकालिक अवसाद के संदर्भ में नहीं बल्कि ऐसी मेड़िकल स्थिति में हो रहा है जहां व्यक्ति के मस्तिष्क का न्यूरोट्रांसमीटर क्षीण हो जाता है। अरोमाथैरेपी अगर अनिद्रा का कारण तनाव है, तो गंधचिकित्सा एक अच्छा सुलझाव है।
नीचे दिए गए कुछ तेल इस समस्या से लड़ने में आपकी मदद करेंगे।
गुग्गल शामक और पीड़ानाशक। कण्ठ की सूजन, खांसी और चिंता के कारण होती अनिद्रा की समस्या से लड़ने में मदद करता है।
चमेली यह बहुत आराम और सुकून प्रदान करता है और अवसादरोधी के रुप में जाना जाता है। यह सांस की तकलीफ और अवसाद में लाभदायक है।
लैवेंड़र यह हर तरह के दर्द, सरदर्द तथा शरीर की अकड़न को दूर भगाकर एक अच्छी नींद दिलाता है। आघात के कारण पैदा हुई अनिद्रा की समस्या से छुटकारा पाने में मदद करता है।
योग योगा के आसन आपके शरीर के तंत्रिक तंत्र को सक्रिय बनाते हैं। ये तनाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं, जोकि अनिद्रा का सबसे आम कारण है।
सवासन एक ऐसी मुद्रा है जो आपको तनाव से मुक्त कर अनिद्रा से छुटकारा पाने में मदद करती है। इस मुद्रा को करने में केवल 20 मिनट का समय लगेगा जड़ी बूटियां चीनी मानते हैं कि शरीर की स्वस्थता दो शब्दों में छुपी हुई है – यिन और यांग। जितना ज्यादा वे एक दूसरे के साथ संतुलन बनाए रखेंगे, उतना ही आपका शरीर स्वस्थ रहेगा।
गुलदाउदी, कैमोमाइल और लैवेंडर जैसी जड़ी बूटियां बहुत जल्दी और प्रभावशाली तरीके से अनिद्रा की समस्या से लड़ सकती हैं।