चूहे जैसे घोंघे ने इस शहर को 2 साल के लिए किया ‘क्वारंटीन’, खतरा उड़ा देगा होश
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कोलकाता टाइम्स :
कोरोना वायरस ने वैसे तो पूरी दुनिया को ही तबाह किया है, लेकिन कुछ देश जिन पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी उनमें अमेरिका भी शामिल है. कोरोना की वजह से कई महीनों तक अमेरिका के लोगों को घरों में कैद रहना पड़ा. धीरे-धीरे हालात सामान्य हुए तो लॉकडाउन खत्म हुआ और लोग आजादी से बाहर निकलने लगे, लेकिन अमेरिका के फ्लोरिडा स्टेट के शहर उत्तरी ताम्पा में लोग फिर से घरों में कैद होते दिख रहे हैं. इस बार वजह कोरोना नहीं, बल्कि स्नेल यानी घोंघे हैं. वैसे तो घोंघा नुकसान पहुंचाने वाला जानवर नहीं है, लेकिन फ्लोरिडा में इसने डर का माहौल बना दिया है. डर का कारण इनका बड़ा आकार है, जो 8 इंच तक का है. यह घोंघे दिखने में चूहे जितने बड़े हैं. बताया जा रहा है कि यह घोंघे का परजीवी है. इसी की वजह से पूरे कस्बे को 2 साल के लिए क्वारंटीन कर दिया गया है.
डेली मेल की खबर के मुताबिक, इन घोंघों के साथ जो परजीवी चल रहा है, वह काफी खतरनाक है. यह इंसानों में मेनिनजाइटिस बीमारी पैदा कर सकते हैं. इस बीमारी में मस्तिष्क की झिल्ली और मेरूरज्जू की हड्डी के अंदर सूजन हो जाती है. इससे मरीज की जान भी जा सकती है. इसके खतरे को देखते हुए ही इस हिस्से में एक स्वास्थ्य चेतावनी जारी की गई है. इस चेतावनी के तहत यहां 2 साल के लिए क्वारंटीन लागू किया गया है. हालांकि ये क्वारंटीन कोरोना जैसा नहीं होगा. अलर्ट के मुताबिक, इन 2 सालों तक लोग घरों से बाहर भी निकल सकेंगे, लेकिन लोगों के मिट्टी, पौधों, मलबों और कंस्ट्रक्शन मटीरियल को इस कस्बे से बाहर ले जाने की मनाही होगी. कस्बे के अंदर भी इन चीजों को इधर-उधर करने पर रोक लगा दी गई है. फ्लोरिडा डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर एंड कंज्यूमर सर्विसेज के मुताबिक शहर में 23 जून से यह क्वारंटीन लागू है.
घोंघों की ये प्रजाति मूल रूप से अफ्रीका में पाई जाती है. हर साल ये लगभग 1200 अंडे देते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, ये इंसानों को ही नहीं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं. रिसर्स से पता चला है कि करीब 500 पौधे इन्हें खूब पसंद हैं और उन्हें ये घोंघे पूरी तरह बर्बाद कर देते हैं. हैरानी की बात ये है कि इन घोंघों को कंक्रीट भी पसंद है ऐसे में ये घरों को भी खोखला कर देते हैं.