‘मिस्टीरियस लेडी’ की मौत से पर्दा उठते ही साइंटिस्ट भी गये हिल
रिपोर्ट के मुताबिक, 19वीं और 20वीं सदी के दौरान माना जाता था कि यह किसी पुरुष पुजारी की ममी है, लेकिन वॉरसॉ ममी प्रोजेक्ट के तहत जब इस पर काम शुरू हुआ तो पता चला कि यह पुरुष नहीं, बल्कि एक महिला की ममी है. इसी दौरान ये भी जानने को मिला कि यह दुनिया की पहली गर्भवती ममी भी है. इसके बाद रिसर्च का सिलसिला तेज हुआ. 2022 की शुरुआत में इस ममी का सीटी स्कैन किया गया. सीटी स्कैन से इस बात की पुष्टि हुई कि उस महिला ममी के शरीर की श्रोणि गुहा में एक भ्रूण था. यह भ्रूण भी अच्छे से संरक्षित था.
इतने रहस्यों से पर्दा हटने के बाद अब लोग जानना चाहते थे कि आखिर इस महिला की मौत कैसे हुई होगी. शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके पास यह सवाल लगातार आ रहे थे कि इसकी मौत की वजह क्या थी. इसके बाद टीम ने इस वजह को जानने का फैसला किया और फिर से इस पर कई रिसर्च शुरू किए.
जांच की प्रक्रिया में जब गर्भवती ममी की खोपड़ी का स्कैन किया गया तो पता चला कि उक्त महिला कैंसर से पीड़ित थी. सीटी स्कैन में उस महिला की खोपड़ी की बाईं तरफ इस तरह के निशान नजर आए जिसे आजकल डॉक्टर नैसोफिरिंजियल कैंसर कहते हैं.