जानते हैं शिव के सिर पर ‘चंद्र’ और सोमवार से जुड़ी यह सच्चाई ?
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कोलकाता टाइम्स :
सोमवार का संबंध ‘चंद्र ग्रह’ से होता है, दरअसल ‘सोम’ का अर्थ है ‘सौम्य’ और ‘सौम्य’ मतलब ‘चंद्र’, सोम का एक अर्थ ‘शिव’ भी होता है इसलिए सोमवार को किए गए उपाय ‘चंद्र ग्रह’ की पीड़ा से राहत दिलाते हैं यानी कि मानसिक प्रसन्नता प्रदान कराते हैं, यही नहीं ‘चंद्र’ और ‘शिव’ के बीच में एक अनोखा रिश्ता भी है, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों ‘चंद्र’ भगवान शिव के सिर पर विराजमान रहते हैं, अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको इसका रहस्य बताते हैं।
चंद्रमा को क्षय रोग का श्राप मिला… दरअसल पौराणिक कथानुसार चंद्र, जो की खुद बहुत सुंदर थे, का विवाह दक्ष प्रजापति की 27 नक्षत्र कन्याओं के साथ हुआ था। दक्ष की 27 बेटियों में रोहिणी बहुत सुंदर थी, जिसके कारण सुंदरता प्रेमी चंद्र का उनके प्रति अधिक स्नेह था, जो बात बाकी बहनों को अच्छी नहीं लगती थी, इस कारण वो सभी दुखी रहती थीं, इन सब ने अपना कष्ट अपने पिता से कहा, जिसे सुनकर दक्ष का गुस्सा आ गया और उन्होंने चंद्रमा को क्षय रोग का श्राप दे दिया।
शिव ने चंद्रमा को मस्तक पर धारण किया जिसके बाद चंद्रदेव क्षय रोग से ग्रसित हो गए और उनकी शक्ति धीर-धीरे खत्म होने लगी, वो दुखी हो गए, उनकी इस हालत को देखकर नारद जी ने उन्हें मृत्युंजय भगवान आशुतोष की आराधना करने को कहा, चंद्र देव ने उनकी इस बात को मान लिया और वो प्रभु की अराधना में जुट गए , जिसका असर हुआ और उन्हें भगवान शंकर को पुनर्जीवन का वरदान दे दिया और उन्हें अपने मस्तक पर धारण कर लिया, इसलिए कहा जाता है, कि जो लोग शारीरिक रुप से परेशान हों, उन्हें भगवान शिव की पूजा सोमवार को जरुर करनी चाहिए। कैसे करें पूजा? आज के दिन अगर शिवभक्त अपने शिव की भांग, धतूरा और शहद से पूजा करें, तो उन्हें शक्ति और बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त होता है। शिवपुराण और शिव चालीसा का पाठ करना भी श्रेयस्कर होता है। कुछ लोग आज उपवास भी रखते हैं क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि व्रत करना शुभ फलदायी होता है।
सोमवार का पूजन करने से होगा लाभ शिव की पूजा अगर आप आज बिल्व पत्र से करें, आपको शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। यही नहीं सोमवार का पूजन करने से आपको आर्थिक लाभ भी होगा और आपका क्रोध भी शांत होगा। शिवलिंग को गंगाजल या दूध से नहलाइये शिवलिंग को गंगाजल या दूध से नहलाइये, इससे जातक पर आने वाले सारे पाप भी धूल जाते हैं और यही नहीं उसका ज्ञान बढ़ता है और चित्त शांत हो जाता है।