इस वायरस के आगे कोरोना और मंकीपॉक्स कुछ भी नहीं, घाना में 2 मरीजों की मौत
कोलकाता टाइम्स :
एक तरफ अभी कोरोना और मंकीपॉक्स का खतरा टला भी नहीं है कि दूसरी तरफ एक और जानलेवा वायरस ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, घाना ने आधिकारिक तौर पर मारबर्ग वायरस के दो मामलों की पुष्टि की है, जो इबोला के समान अधिक संक्रामक हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी रविवार को एक बयान में कहा कि घाना ने अत्यधिक संक्रामक मारबर्ग वायरस रोग के अपने पहले दो मामलों की पुष्टि की है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, घाना के दक्षिणी अशांति क्षेत्र के दो अलग-अलग रोगियों में इस वायरस की पुष्टि हुई थी. बाद में इन दोनों की मौत ह गई. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इन दोनों मरीजों में दस्त, बुखार, मतली और उल्टी के लक्षण दिखे थे. डब्ल्यूएचओ की मानें तो इन दोनों के संपर्क में करीब 90 लोग आए हैं, जिनकी निगरानी की जा रही है.
मारबर्ग वायरस रोग अत्यधिक विषाणुजनित बीमारी है जो रक्तस्रावी बुखार का कारण बनती है, जिसमें मौत का अनुपात 88 प्रतिशत तक होता है. यह उसी परिवार से संबंध रखता है जिसमें जिससे इबोला वायरस निकला है. इसमें अचानक अस्वस्थता होती है और फिर तेज बुखार, तेज सिरदर्द और अस्वस्थता के साथ बीमारी शुरू हो जाती है. डब्ल्यूएचओ ने समझाया कि यह वायरस फलों से मनुष्यों में फैलता है और फिर इन तरल पदार्थों से दूषित सतहों और संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क में आने से एक-दूसरे में फैलता है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इसकी रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं और घाना में इसके प्रकोप को रोकने के लिए अधिक संसाधनों को तैनात किया जाएगा. डब्ल्यूएचओ ने यह भी चेतावनी दी है कि, तत्काल और निर्णायक कार्रवाई के अभाव में मारबर्ग आसानी से हाथ से निकल सकता है.