हो कैसी भी लत, काबू कर सकता है यह ध्यान
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कोलकाता टाइम्स :
व्यसनों पर नियंत्रण पाने के लिए पुनर्सुधार उपचारों में ध्यान का प्रयोग करने से अधिक सफलता मिलने की संभावना होती है। यह निष्कर्ष एक कंप्यूटर वैज्ञानिक द्वारा पशु और मानव अध्ययन पर किए गए सर्वेक्षण में सामने आया है। मैसाचुसेट्स एम्हर्स्ट के कंप्यूटर वैज्ञानिक यरिव लेविऑफ, तंत्रिका विज्ञान शोधकर्ता जेरोल्ड मेयेर और कंप्यूटर वैज्ञानिक एंड्रयू बाटरे के सर्वेक्षण का निष्कर्ष ‘फ्रंटियर इन साइकोइट्री’ पत्रिका के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित हुआ है।
लेवी ने कहा, “हमारा उच्चस्तरीय निष्कर्ष कहता है कि तकनीक पर आधारित उपचार किसी व्यसन से बाहर निकलने में मदद करने के लिए एक पूरक के रूप में सहायक होता है। हम इस बात का वैज्ञानिक और गणितीय तर्क देते हैं।” चमकीली त्वचा चाहिये तो कीजिये यह योग लेवी के अनुसार, “सर्वेक्षण का उद्देश्य मौजूदा पशु एवं मानव अध्ययनों का प्रयोग कर लत को बेहतर ढंग से समझने और उसके इलाज के नए तरीकों को तलाशना है।” शोधकर्ताओं ने ‘एलोस्टेटिक सिद्धांत’ का वर्णन किया। यह सिद्धांत कहता है कि जब कोई व्यक्ति नशीली दवा लेता है या प्रतिफल (रिवार्ड) सिस्टम पर जोर देता है तो वह संतुलन की अवस्था को खो देता है।