July 3, 2024     Select Language
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देश में कर्ज हुआ महंगा, 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा रेपो दर

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कोलकाता टाइम्स : 

भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को नियंत्रण में करने के लिए रेपो दरों में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने ऐलान कर दिया है. रेपो दरों का सीधा असर बैंकों के जरिए ग्राहकों को मिलने वाले कर्ज पर पड़ता है. बढ़त के साथ अब रेपो दरें बढ़कर के 5.9 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई हैं. रेपो रेट बढऩे के साथ ही देश में कर्ज लेना महंगा हो जाएगा, साथ ही वर्तमान ऋणदाताओं की ईएमआई में वृद्धि हो सकती है.

इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने एसडीएफ रेट में भी आधा प्रतिशत की बढ़ोत्तरदी की है. अगस्त में महंगाई दर के 7 प्रतिशत पर वापस पहुंचने के साथ ही अनुमान थे कि केंद्रीय बैंक दरों को लेकर सख्त रुख बनाए रखेगा. इससे पहले फेडरल रिजर्व ने भी ब्याज दरों में तेज बढ़त की थी. जिसके बाद दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने भी सख्ती दिखाई है.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी में 6 में से 5 सदस्य आधा प्रतिशत की बढ़त के पक्ष में थे. जिसके बाद दरों को 5.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है. गवर्नर के अनुसार इन कदमों से आने वाले समय में महंगाई में कमी आने का अनुमान है और दूसरी छमाई यानि अक्टूबर से मार्च के बीच महंगाई दर 6 प्रतिशत पर आ सकती है जो कि फिलहाल 7 प्रतिशत के स्तर पर है.

गौरतलब है कि सितंबर की बढ़त रिजर्व बैंक के द्वारा की गई लगातार चौथी बढ़त है इससे पहले अगस्त और जून की समीक्षा में रेपो दरें में आधा-आधा प्रतिशत की बढ़त की थी. वहीं मई के दौरान रिजर्व बैंक ने अचानक दरों में 0.4 प्रतिशत की बढ़त की थी. आज की बढ़त के साथ रेपो दरें 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं.

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