कमरतोड़ महंगाई का असर, सीएनजी में 6 रुपये और पीएनजी में 4 रुपये की वृद्धि
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने कहा है कि सरकार ने एक अक्टूबर से गैस कीमतों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है जिसकी वजह से उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है. पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम मूल्य एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ ने 30 सितंबर को एक अक्टूबर से अगले छह माह के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की भारी वृद्धि की घोषणा की थी. इससे पहले एक अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय कीमतों का हवाला देते हुए गैस के दाम 110 प्रतिशत बढ़ाए गए थे.
सरकार साल में दो बार एक अप्रैल और 30 सितंबर को गैस कीमतों में संशोधन करती है. एमजीएल ने कहा है कि इस बढ़ोतरी के बाद सीएनजी और पेट्रोल के बीच मूल्य बचत घटकर 45 प्रतिशत रह गई है. वहीं पीएनजी और एलपीजी के बीच यह अंतर सिर्फ 11 प्रतिशत का रह गया है. इसके देश जल्द ही देश के अन्य शहरों में भी प्राकृतिक गैस की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि के बाद सीएनजी आठ से 12 रुपये प्रति किलो महंगी हो सकती है, जबकि रसोई गैस के भाव में 6 रुपये का इजाफा किया जा सकता है.