November 23, 2024     Select Language
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क्या सच में साहित्य में नोबेल पुरस्कार के दावेदार बने सलमान रुश्दी?

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कोलकाता टाइम्स : 
साहित्य के नोबेल पुरस्कार को लेकर भारतीय उपन्यासकार और साहित्यकार सलमान रुश्दी का नाम चर्चा में है. दावा किया जा रहा है कि इस बार लिटरेचर का नोबेल प्राइज सलमान रुश्दी को मिल सकता है. साहित्य के नोबेल की घोषणा 5 अक्टूबर को की जाएगी. आइए जानते हैं कि कौन हैं सलमान रुश्दी और क्यों उनके नाम की चर्चा की जा रही है.

सलमान रुश्दी भारतीय मूल के साहित्यकार हैं, जो लंदन में रहते हैं. उनका जन्म 19 जून 1947 को मुंबई में एक कश्मीरी परिवार में हुआ था. सलमान मुस्लिम परिवार से संबंध रखते हैं. सलमान रुश्दी अपनी किताबों के माध्यम से लोगों की अभिव्यक्ति और आजादी के लिए आवाज उठाते रहते हैं. वे अपनी किताबों की वजह से चर्चा में रहते हैं. कुछ वक्त पहले उनकी विवादित किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ की वजह से उन पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला किया गया था.

सलमान रुश्दी ने अब तक कई बेहतरीन नोबेल लिखे हैं. ‘सैटेनिक वर्सेज’ उनका चौथा नोबेल है, जिसे रुश्दी ने 1988 में लिखा था. ये नोबेल पैगंबर मुहम्मद के जीवन से प्रेरित था. रुश्दी की इस किताब पर कई लोगों ने इस्लामी धार्मिक भावनाओं पर चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था. नोबेल को ईरान में बैन कर दिया गया था. इसी किताब को लेकर उन पर न्यूयॉर्क में चाकू से हमला किया गया था. ‘सैटेनिक वर्सेज’ के लिए पहले भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.

सलमान रुश्दी साहित्य जगत में अपना एक अलग मुकाम रखते हैं. सलमान रुश्दी ने कुल 14 उपन्यास लिखे हैं. ग्रिमस, मिडनाइट्स चिल्ड्रन, शेम, द सैटेनिक वर्सेज, हारून एंड द सी ऑफ स्टोरीज, द मूर्स लास्ट सिघ, द ग्राउंड बिनिथ हर फीट, फ्यूरी, शालीमार द क्लाउन, द एनचैंट्रेस ऑफ फ्लोरेंस, लुका एंड द फायर ऑफ लाइफ, टू इयर्स एइट मंथ्स एंड ट्वेंटी-एट नाइट्स, द गोल्डन हाउस और क्विचोटे उनकी प्रमुख किताबें हैं. उन्हें अपनी फेमस किताब ‘मिडनाइट चिल्ड्रन’ के लिए साहित्य के प्रतिष्ठित पुरस्कार इंटरनेशनल बुकर प्राइज से सम्मानित किया जा चुका है.

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