June 28, 2024     Select Language
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शनिदेव के सामने कहीं दीपक तो नहीं जलाते? तो कोई नहीं बचा सकता आपको

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कोलकाता टाइम्स : 
शास्त्रों में भगवान शनि को न्याय का देवता माना गया है। मान्यता है कि शनिदेव व्यक्ति को उनके कर्मों के हिसाब से सजा देते हैं। अब कोई अच्छे कर्म करता है, तो फल अच्छे मिलते हैं और बुरे कर्म करने वाले को बुरे फल मिलते हैं। शनिदेव एक ऐसे देव हैं कि जिनके ऊपर उनकी कृपा होती है तो वह रंक से राजा बन जाता है। इसलिए शनिदेव की पूजा करना शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार, शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। लेकिन नियमित रूप से शनिदेव की पूजा की जाए, तो शुभ फलों की प्राप्त होती है। लेकिन कई बार अधिक पूजा करने के बावजूद फल नहीं मिलता है। इसका कारण आपके द्वारा पूजा के दौरान की गई कुछ गलतियां भी हो सकती हैं। जानिए शनिदेव की पूजा के दौरान किन बातों का रखें ख्याल।
तांबे के बर्तन से न करें पूजा

आमतौर पर देवी-देवताओं की पूजा के लिए तांबे के बर्तन सबसे शुभ माने जाते हैं, लेकिन शनिदेव की पूजा करते समय तांबे का बर्तन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। क्योंकि तांबे का संबंध भगवान सूर्य से है। शनि सूर्य के पुत्र है। लेकिन दोनों के बीच शत्रुता का भाव है। इसलिए तांबे के बर्तन के बजाय लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ होगा।

भगवान शनि की न देखें आंखें

अधिकतर लोग भगवान शनि की पूजा करते समय उनकी आंखों में देखकर कामना करते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि जब शनिदेव की दृष्टि पड़ती है, तो व्यक्ति के जीवन में मुश्किलें आना शुरू हो जाती है। इसलिए व्यक्ति को शनिदेव की पूजा पलके झुकाकर करनी चाहिए।

शनिदेव के सामने न जलाएं दीपक

अधिकतर लोग शनिदेव के सामने दीपक जला देते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि शनिदेव की मूर्ति के सामने दीपक जलाने के बजाय पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। इससे शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं।

शनिदेव को लगाएं ये भोग

अन्य देवी-देवताओं को भोग किसी भी चीज से लगा देते हैं। लेकिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन काले तिल और खिचड़ी का भी भोग लगाया जाता है।

शनिदेव की पूजा के समय न पहनें ऐसे कपड़े

शनिदेव की पूजा करते समय व्यक्ति को काले या फिर नीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कभी भी लाल रंग के वस्त्र पहनकर शनिदेव की पूजा न करें।

इस दिशा की ओर मुख करके करें पूजा

आमतौर पर हर देवी-देवताओं की पूजा पूर्व दिशा की ओर मुख करके की जाती है। क्योंकि इस दिशा में वह वास करते हैं। लेकिन शनिदेव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं। इसलिए शनिदेव की पूजा पश्चिम दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।

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