January 19, 2025     Select Language
धर्म स्वास्थ्य

जानते हैं दिवाली पर चढ़ाते हैं खील-बताशे का प्रसाद खाने के फायदे

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कोलकाता टाइम्स : 
त्यौहार आनंद और उत्साह का समय है, और भावनाओं को बढ़ाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि ये वो अवसर होता है जब आप पारंपरिक भोजन का स्वाद लेते हैं। दिवाली का मुख्य आकर्षण होता है, ढेर सारी मिठाईयां। लेक‍िन एक मिठाई ऐसी भी होती है जो सुनने में बहुत मामूली सी लगती है लेक‍िन दीवाली की पूजा इसके बिना अधूरी है। हम बात कर रहे हैं खील और बताशे की, जो पूजा के दौरान मुख्‍य प्रसाद होता है आइए जानते है इससे जुड़ी मान्‍यता और इसे खाने के फायदे। क्‍या होता है खील और बताशे कई ‘धार्मिक’ खाद्य पदार्थों में से एक, खील बताशा एक पारंपरिक मिठाई है जिसे आमतौर पर हिंदू मंदिरों में प्रसाद के रूप में दिया जाता है और उत्सव के अवसरों पर तैयार किया जाता है। खील बताशा चीनी के साथ मिश्रित चावल के साथ बनाया जाता है, और इसकी चीनी समृद्धि के अलावा, दिवाली की अवधि के दौरान भी इसका महत्व है, और यहां क्यों है। जानिए क्या होती है ऑटम एंग्जाइटी और कैसे निपटें इससे
ज्‍योतीषीय महत्‍व खील बताशों का ज्योतिषीय महत्व भी होता है। दीपावली धन और वैभव की प्राप्ति का त्योहार है और धन-वैभव का दाता शुक्र ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह का प्रमुख धान्य धान ही होता है। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए हम लक्ष्मी को खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाते हैं। यहीं कारण है कि दिपावली के दिन खील-बताशे चढ़ाये जाते है। दिवाली की खुशियों के बीच नवजात की देखभाल में ना छोड़ें कोई कोर-कसर धार्मिक महत्ता खील धान (चावल) से तैयार की जाती है, जो भारत में एक प्रमुख अनाज है। चावल देश के अधिकांश हिस्सों में मध्य वर्ष के आसपास बोया जाता है, और दिवाली के समय के आसपास काटा जाता है।
चावल के ताजा बैच से तैयार कील बताशा देवी लक्ष्मी को सम्मान के प्रतीक के रूप में, और स्वास्थ्य, धन और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए पेश किया जाता है। पीसीओएस के बारे में हर महिला को अवश्य जाननी चाहिए ये बातें स्‍वास्‍थय की दृष्टि से महत्ता पितृ पक्ष की सोलह दिन की तक, सख्त आहार खाया जाता है, इसके बाद उपवास के रूप में एक और नौ दिनों का सख्त परहेज़ क‍िया जाता है, जो हमारे पाचन को प्रभावित करता है। हमारे पाचन को सामान्य करने के लिए, हमें अपने पेट को सरल भोजन खिलाना चाहिए जो पचाने में आसान हो।
खील बताशा, जो मुख्य रूप से चावल और चीनी से बना होता है, पचने में आसान होता है, और पेट पर हल्का होता है, इसलिए दिवाली के दौरान यह एक महत्वपूर्ण मिठाई और प्रसाद के रुप में चढ़ाया जाता है। बीमारियों से बचाता है खील में भरपूर रूप से कार्बोहाइड्रेट होता है, जो आपको इंस्टेंट एनर्जी देता है। इसके साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। अगर देशी घी में बताशा मिलाकर खाया जाए तो ये आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम करते हैं, जिससे आपको वजन घटाने में मदद मिलती है।

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