ऐसे खुद को बदल रहा मंकीपॉक्स कि देख साइंटिस्ट के उड़े नींद
भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने पाया है कि मंकीपॉक्स म्यूटेशन ने वायरस को मजबूत और स्मार्ट बनने में सक्षम बनाया है, और अधिक लोगों को संक्रमित करने के अपने मिशन में एंटीवायरल दवाओं और टीकों से परहेज किया है, यानी एंटीवायरल दवाओं और टीकों का असर नहीं हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वायरस ने 100 से अधिक देशों में 77,000 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है, और हाल के दिनों में, मामले की मृत्यु अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है. जर्नल ऑफ ऑटोइम्यूनिटी में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्ष, मंकीपॉक्स के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मौजूदा दवाओं को संशोधित करने या नई दवाओं को विकसित करने में मदद कर सकते हैं जो उत्परिवर्तन का मुकाबला कर सकते हैं और इस प्रकार बीमारी के लक्षणों को कम कर सकते हैं और वायरस के प्रसार को रोक सकते हैं.
प्रोफेसर कमलेंद्र सिंह के नेतृत्व में मिसौरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओ की एक टीम ने मंकीपॉक्स वायरस में विशिष्ट उत्परिवर्तन की पहचान की जो इसकी निरंतर संक्रामकता में योगदान करते हैं. शोधकर्ता श्रीकेश सचदेव ने कहा, एक अस्थायी विश्लेषण करके, हम यह देखने में सक्षम थे कि समय के साथ वायरस कैसे विकसित हुआ है. एक महत्वपूर्ण खोज यह थी कि वायरस अब विशेष रूप से उत्परिवर्तन जमा कर रहा है. उन्होंने कहा- तो, वायरस मजबूत हो रहा है, यह हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से दवाओं या एंटीबॉडी द्वारा लक्षित होने से बचने में सक्षम है और अधिक लोगों तक फैल रहा है.