June 23, 2024     Select Language
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9 साल की उम्र में दिलीप कुमार तक को बना दिया था दीवाना 

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कोलकाता टाइम्स : 
अरुणा ईरानी बाल कलाकार, खलनायिका, हीरोइन व चरित्र अभिनेत्री के रूप में शानदार काम किया है। कई फ़िल्मों में तो अरुणा का किरदार फ़िल्म की हीरोइनों तक पर भारी पड़ा है।

अरुणा ने अपने कैरियर की शुरूआत 1961 में रिलीज हुई फ़िल्म ‘गंगा जमुना’ से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। उस समय वो महज 9 साल की थी। तब फ़िल्म के हीरो दिलीप कुमार उनके एक्टिंग से बेहद प्रभावित हुए और उस छोटी सी बच्ची अरुणा की खूब सराहना की। तब से शुरू हुई अरुणा ने अपनी यात्रा में अपने अभिनय से कई लोगों के दिल जीते।

अरुणा को 1972 में महमूद की फ़िल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ में बतौर हीरोइन काम मिला। इस फ़िल्म में अमिताभ बच्चन हीरो थे। यह फ़िल्म टिकट खिड़की पर बंपर हिट साबित हुई। 1973 में राजकपूर की फ़िल्म ‘बॉबी’ में अपने दिलचस्प किरदार से अरुणा इरानी ने अपनी ज़बरदस्त छाप छोड़ी। इसके बाद तो वो सशक्त चरित्र अभिनेत्री के रूप में लोकप्रिय होती चली गईं।

बता दें कि अरुणा ईरानी के पिता की एक थिएटर कंपनी थी। उनमें कला के प्रति रुझान और समर्पण बचपन से ही रहा है। कैरियर की शुरूआत में उन्होंने ‘जहांआरा’, ‘फर्ज’, ‘उपकार’ जैसी फ़िल्मों में छोटे-मोटे किरदार निभाए। फिर कॉमेडी किंग महमूद के साथ उनकी जोड़ी बनी जो ‘औलाद’, ‘हमजोली’, ‘नया जमाना’ जैसी फ़िल्मों में खूब पसंद की गई।

1971 में आई फ़िल्म ‘कारवां’ अरुणा के फ़िल्मी कैरियर का एक अहम मोड़ साबित हुआ। इस सुपरहिट म्यूजिकल फ़िल्म में उन्होंने एक तेज-तर्रार बंजारन की शानदार भूमिका निभाई और उन्होंने एक्टिंग के साथ-साथ डांस का हुनर भी दिखाया। इसके बाद उन्होंने कई फ़िल्मों में डांस नंबर किये!

बहरहाल, 357 फिल्मों में काम कर चुकी अरुणा ने भले ही फ़िल्मों में सह-कलाकार के रूप में काम किया हो, लेकिन अपनी एक्टिंग से उन्होंने एक बड़े दर्शक समूह के दिलों में जगह बना ली। उन्होंने सहायक अभिनेत्री के रूप में ही सही पर फ़िल्मफेयर से लेकर कई अवार्ड जीते हैं। अरुणा ने बड़े पर्दे के बाद छोटे पर्दे पर दस्तक दी और आज वो टेलीविजन पर खूब सक्रिय हैं।

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