July 2, 2024     Select Language
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हेल्दी पपीता या चटपटी चटनी

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कोलकाता टाइम्स :

सामग्री : कच्चा पपीता- 150 ग्राम, गुड़ का चूरा- 200 ग्राम, सिरका/विनेगर- 1/2 कप, लाल मिर्च पाउडर- 1/2 टीस्पून, काली मिर्च पाउडर- एक चुटकी, लहसुन- 6 कलियां (बारीक कटी हुई), तुलसी- 6 पत्तियां (बारीक कटी हुई), किशमिश- 2 टेबलस्पून, हींग- 1 चुटकी, जीरा पाउडर- 1/2 टीस्पून, नमक- स्वादानुसार

विधि : सबसे पहले पपीते को छीलकर कद्दूकस कर लें। अब एक बर्तन में पपीता, गुड़ का चूरा, सिरका, लाल मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर, काली मिर्च पाउडर, लहसुन, हींग, किशमिश और नमक डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें।

अब इस मिक्सचर को ढककर पांच घंटे के लिए रख दें। लगभग पांच घंटे बाद इस मिक्सचर को तेज आंच पर पांच मिनट तक पका लें। फिर धीमी आंच पर चम्मच से चलाते हुए दस मिनट तक पका लें। फिर गैस बंद कर दें। पपीते की चटनी को खाने या स्नैक्स के साथ सर्व करें।

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थाली में एक साथ इतनी रोटी, कभी नहीं
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कोलकाता टाइम्स : घर का बना भोजन सबको पसंद आता है। इस बात को वो लोग बेहतर समझ सकते हैं जो घर परिवार से दूर रहते हैं। घर पर महिलाएं भोजन तैयार करने के बाद उसे प्यार से थाली में परोसकर परिवार को खिलाती हैं। आपने इस बात पर जरूर गौर किया होगा कि भोजन की थाली में कभी एक साथ तीन रोटियां नहीं रखी जाती हैं। क्या आपको इसका कारण मालूम है? इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि आखिर क्यों खाने की थाली में एकसाथ तीन रोटियां नहीं परोसी जाती है। अंक 3 को माना जाता है अशुभ प्राचीन समय से ही थाली में तीन रोटियां ना परोसने की परंपरा चली आ रही है। हिंदू धर्म में 3 अंक को शुभ नहीं माना जाता है। संख्या 3 की अशुभता को देखते हुए किसी भी शुभ काम के लिए इसे दूर रखने का ही प्रयास किया जाता है। तभी किसी भी अच्छे काम में तीन चीजों को शामिल नहीं किया जाता है।
पूजा की थाली हो या फिर कोई हवन, उसमें भी सिर्फ तीन वस्तुओं को साथ नहीं रखा जाता है। 3 अंक वाली तिथि के दिन भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं। यही कारण है कि खाने की प्लेट में भी एकसाथ तीन रोटी नहीं रखी जाती है।
ये हियरिंग एड अब भारत में उपलब्ध हैं! उनमें ऐसा क्या खास है? यहां पढ़ें Hear.com तीन रोटियों का संबंध मृत व्यक्ति से इतना ही नहीं, इसका संबंध एक और मान्यता से है और उसके मुताबिक किसी व्यक्ति को एक साथ तीन रोटियां देना किसी मृत व्यक्ति को भोजन देने के समान माना गया है। दरअसल, जब परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तब उसके तीसरे दिन मृतक के भोजन के रूप में तीन रोटियां बनाकर रखी जाती हैं। इन रोटियों को सिर्फ इन्हें बनाने वाला ही देखता है। ऐसे देखा जाए तो भारतीय संस्कृति में 3 रोटियां मृतक का भोजन माना गया है। अगर देनी पड़ जाए 3 रोटियां
अगर किसी कारणवश थाली में तीन ही रोटी रखनी पड़ जाए तो आप अपने बड़े बुजुर्गों का उपाय अपना सकते हैं और रोटी को तोड़ कर थाली में परोस दें।

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